आज़मगढ़।
बच्चों के डॉक्टर की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस 'पेडिकॉन 2018' में जिले से सम्मिलित चिकित्सक डॉ डी डी सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि- इस बार की कॉन्फ्रेंस की थीम "हैप्पी न्यू बॉर्न, हेल्थी टीन" थी। नवजात शिशुओं और बढ़ रहे बच्चों के स्वास्थ्य की विस्तृत चर्चा के लिए देश-विदेश के 8000 से अधिक विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया, जिसमें आज़मगढ़ से केवल डॉ डी डी सिंह शामिल हुए।
विदित हो कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि- देश के किसी भी बच्चे को उस बीमारी से नहीं मरने दिया जाएगा, जिस बीमारी से बचाव का टीका उपलब्ध है। इस बात पर इस कॉन्फ्रेंस में विस्तृत चर्चा हुई और सर्वमत से निर्णय किया गया कि देश के सभी बाल रोग विशेषज्ञ टीकाकरण पर अधिक से अधिक जोर दें और प्रयास करें कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित ना रह जाए, आज हमारे पास कई गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है। अमेरिकन एकैडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की प्रेसिडेंट डॉ कोलिन क्राफ्ट ने छोटे बच्चों के मानसिक विकास पर अतिरिक्त बोझ से बचाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पाँच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए स्कूल के पाठ्यक्रम में बदलाव की आवश्यकता है। इतनी छोटी उम्र में बच्चों को होम-वर्क जैसी व्यवस्था से मुक्त करना चाहिए। इनकी पढ़ाई के लिए मनोरंजक पाठ्यक्रम शुरू करने चाहिए, जिससे उनका बचपन सुरक्षित रह सके और वे स्वस्थ भविष्य का निर्माण करें। इंडियन एकैडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के प्रेसिडेंट डॉ संतोष टी सोंस ने पीडियाट्रिक्स के विकास पर विस्तार से बताया और आने वाले समय में बच्चों की बीमारियों के समुचित इलाज की व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा की। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ डी डी सिंह ने इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने को उपलब्धि बताया और कहा कि निश्चित रूप से कॉन्फ्रेंस में मिले ज्ञान से मरीजों के इलाज में और दृढ़ता आएगी, जिसका फायदा सभी मरीजों को मिलेगा। उन्होंने अभिभावकों से अपील किया कि अपने बच्चों को सभी टीका अवश्य लगवाएं। टीकाकरण सभी बच्चे का मौलिक अधिकार है, इसके साथ ही साथ सर्वोत्तम उपहार भी है, बच्चों के लिए मोबाइल और इंटरनेट इस्तेमाल को नुकसानदेह बताते हुए इसे रोकने की अपील की।
रिपोर्ट- वीर सिंह
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समाचार इंडिया लाइव
ब्यूरो आज़मगढ़।