आजमगढ़। रानी की सराय थाना क्षेत्र के सोनवारा ग्राम सभा निवासी समाजसेवी फैजल उर्फ बन्ने खाँन का आरोप कि उनके चाचा डॉ.अख्तर हुसेन और मोहम्मद ईशा जो कि उनकी पुश्तैनी जमीन वह पुश्तैनी मकान पर कब्जा कर रखे है,बन्ने खान ने आरोप लगाया कि हमारे चाचा मोहम्मद मूसा 40 वर्ष पहले कहीं लापता हो गए,उनका भी हिस्सा बड़े चाचा डॉक्टर:अख्तर हुसैन और मोहम्मद ईशा कब्जा किए हुए हैं,
उसमें भी हमारा हिस्सा बनता है,वह भी देने को तैयार नही है,उनकी जमीन भी डॉक्टर अख्तर हुसैन और मोहम्मद ईशा कब्जा कर रखे हैं,उसमें भी मेरा हिस्सा नहीं दिए,बन्ने खां ने आरोप लगाया कि जब भी मैं अपने हक की लड़ाई लड़ने का प्रयास करता हूं,तो मुझे किसी ना किसी फर्जी मुकदमे में फंसा कर दबाने का प्रयास किया जाता है,मेरी हत्या करवाने का भी कई बार प्रयास किया गया,मुख्यमंत्री के शिकायती पत्र में समाजसेवी फैजल उर्फ बन्ने खान ने बताया है कि हमारा खेत ग्राम देवका पट्टी तहसील सदर में है,जिसे डॉक्टर अख्तर हुसैन और मोहम्मद ईशा ने कब्जा कर रखा है, शिकायती पत्र में बन्ने खान ने आरोप लगाया है, की मैं कई बार अधिकारियों से इंसाफ मांग चुका हूं लेकिन मुझे कहीं इंसाफ तो नहीं मिला,इंसाफ देने में भले जिला प्रशासन फेल रहा हो,लेकिन फर्जी मुकदमा लिखने में सबसे आगे रहता है,आजमगढ़ का जिला प्रशासन,योगी के अधिकारी किसके दबाव में हमे इंसाफ नहीं दे रहे है,यह बड़ा सवाल है,समाजसेवी फैजल उर्फ बन्ने खान ने कहा कि जिसके ऊपर जिले की जिम्मेदारी हो वही अपनी जिम्मेदारी से भागें तो आम आदमी जाए तो जाए कहां,बन्ने खां ने बताया कि उनका मकान जो की पुश्तैनी है जिसे उनके पिता ने बनवाया था,बन्ने खान ने बताया कि मेरे पिता ईकबाल अहमद. सऊदी अरब कमाते थे,उन्होंने अपने जीवन की सारी जमा पूंजी इस घर में लगा दी,उसके बाद उनके चाचा,डॉक्टर अख्तर हुसैन और मोहम्मद ईशा ने मकान पर कब्जा कर उन्हें बे घर कर दिया,समाजसेवी फैज़ल उर्फ बन्ने खान ने कहा कि अब अधिकारी उनकी बात को अनसुना करते हैं तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.उन्होंने कहा कि अब न्यायालय ही उनको इनसाफ़ दिला सकते हैं।
रिपोर्ट- ब्यूरो