महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर अम्बेडकर प्रतिमा पर जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह व पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह द्वारा माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।

मनोज चतुर्वेदी ब्यूरो प्रभारी सगड़ी आजमगढ़।

आजमगढ़।
आजमगढ़ भारत रत्न डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर डाॅ0 अम्बेडकर परिनिर्वाण समिति एवं उत्तर प्रदेशीय अनुसूचित जाति/अनु0जनजाति, बेसिक शिक्षक महासंघ उ0प्र0 आजमगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में  जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह व पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह द्वारा संयुक्त रूप से अम्बेडकर पार्क में स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। 
इसी के साथ ही सीआरओ हरी शंकर तथा अपर जिलाधिकारी प्रशासन द्वारा अम्बेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा श्रद्धासुमन अर्पित किया गया।
 इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि बाबा साहब भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता तथा स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री थे, इनका निधन 06 दिसम्बर 1956 में हुआ। उन्हें मरणोपरान्त 1990 में भारत रत्न दिया गया। उन्होने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर एक विधिवेता, अर्थशास्त्री, राजनितिज्ञ और समाजसुधारक थे। इन्होने दलित समाज, मजदूर वर्ग तथा महिलाओं के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठायी तथा अभियान भी चलाया। उन्होने कहा कि जब तक संविधान तथा लोकतंत्र की चर्चा होगी, तबतक डाॅ0 अम्बेडकर का नाम लिया जाता रहेगा। 
जिलाधिकारी ने कहा कि वर्ण व्यवस्था जन्म के आधार पर नही बल्कि कर्म के आधार पर है, लेकिन आज कर्मकाण्डी व्यवस्था से समाज अनेक भागों में विभक्त हो रहा है, इसे हमें एकजुट करने की जरूरत है।
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