जालौन।
रिपोर्ट: अरुण कुमार मिश्रा
उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसाइटी के तत्वाधान में पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत निशुल्क स्वास्थ्य शिविर एवं गोष्ठी का आयोजन प्राथमिक विद्यालय नवलपुरा में किया गया। शिविर का शुभारंभ डॉ सुनील वर्मा चिकित्सा अधिकारी के द्वारा देव चिकित्सक भगवान धन्वंतरि के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। शिविर में विद्यालय के छात्रों एवं गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण करके निशुल्क दवा वितरण किया गया। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंगरौल में तैनात फार्मासिस्ट डॉ प्रेम नारायण द्विवेदी ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा आयुर्वेद का अस्तित्व आज से नहीं बल्कि प्राचीन मानव सभ्यता से जुड़ा है। एलोपैथिक दवाइयां तुरंत रोग समाधान के लिए तो ठीक है लेकिन उसके साइड इफेक्ट भी होते हैं। आयुर्वेदिक दवाओं से रोग का संपूर्ण निदान होता है और कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा गर्भवती महिलाओं के पोषण के लिए पुष्टाहार संबंधी योजनाओं की जानकारी दी। पोषण एवं स्वच्छता के मौलिक सिद्धांत जैसे भोजन में हरी सब्जी, दाल, सलाद एवं दही का नियमित सेवन करना। सब्जी धोकर बनाना, शौच के बाद और भोजन से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोना, साफ कपड़े पहने, छींकते एवं खांसते समय मुंह पर रुमाल लगाएं। डॉक्टर सुनील वर्मा द्वारा घर में मौजूद दाल, अंकुरित चने एवं मूंग, दूध, दही आदि खाद्य पदार्थों से पोषण प्रक्रिया को पूरा करने संबंधित जानकारी दी गई। इस शिविर में मौजूद छात्र-छात्राओं, ग्रामीणों एवं गर्भवती महिलाओं को पोषण एवं दैनिक स्वच्छता संबंधी जानकारियां दी गई एवं केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के विषय में जानकारी देने के साथ निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं दवा वितरण किया गया। शिविर में 98 रोगी पंजीकृत किए गए। शिविर में प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक, छात्र छात्राएं, आंगनवाडी कार्यकत्री, आशा बहू, स्वच्छक महेश के साथ ग्रामीण गर्भवती महिलाएं मौजूद रही।