आज़मगढ़।
रिपोर्ट: वीर सिंह
आज़मगढ़: मुहर्रम की 10 तारीख मजहबे इस्लाम मे एक खास तारीख लिखती हैं फुरकान खान जिला कोषाध्यक्ष भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा आज़मगढ़ ने बताया के मोहर्रम की 1 तारीख को इस्लामी नया साल मनाया जाता है मोहर्रम की 10 तारीख को इस्लाम के आखरी पैगम्बर ईशदूत हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम के प्यारे नवासे हजरत अली रजियल्लाहु के बेटे इमाम हुसैन रजियल्लाहु को उन लोगों ने शहीद कर दिया जो मोहब्बत और अमन के दुश्मन थे इंसानियत और दीन के लिए जान की बाजी लगाने वाले हजरत इमाम हुसैन की शहादत सारी मानवता के लिए एक सबक है हजरत इमाम हुसैन ने सर कटाना बेहतर समझा लेकिन जुल्म जब्र नाइंसाफी के आगे सर नही झुकाया रब्बे कायनात ने मोहर्रम की 10 तारीख को ही हजरत इमाम हुसैन रजियल्लाहु की शहादत को इस लिए भी कबूल किया क्यों की ये दीन मजहबे इस्लाम मे एक खास मकामो मर्तबा रखता है इस दिन को इमाम हुसैन रजियल्लाहु की शहादत से पहले अन्य इस्लामी ईशदूत पैगम्बर की दुआए कबूल हुई साथ ही उन्हे उन तकलीफो और परेशानियों से निजात मिली और अल्लाह ने उन्हे इनामात से नवाजा जैसे इस दिन हजरत आदम अलैहिस्सलाम की दुआ कबूल हुई हजरत नुह अलैहिस्सलाम की कश्ती को किनारा मिला हजरत युनुस अलैहिस्सलाम मछली के पेट से बाहर निकाले गए हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम के लिए आग गुलजार हुई हजरत याकूब अलैहिस्सलाम अपने बेटे हजरत यूसुफ अलैहिस्सलाम से 40 साल बाद मिले हजरत अय्यूब अलैहिस्सलाम को लम्बी बीमारी के बाद सेहत अता हुई 10 मोहर्रम को ही फिरौन का लशकर भी गर्क हुआ, आज ही के दिन आखरी पैग़म्बर नबिये अकरम का पहला निकाह हुआ और आज ही के दिन आपने मक्के से मदीना हिजरत फरमाइ इस लिए मोहर्रम की 10 तारीख जिसे यौमे आशुरा कहते हैं इस दिन तमाम मुसलमान को रोजा रखना चाहिए और हर उस गलत काम से बचना चाहिए जो बेजा रस्मो रियाज की तालीम देती हो साथ ही जो इस्लाम और इंशानियत के खिलाफ है।