दिनाक - ०2 /मार्च/ 2017
आजमगढ़।
सगड़ी।
जहाँ हुई थी सीपू सिंह की हत्या-------, वहीँ किया बंदना सिंह ने चुनावी जनसभा।
जहाँ कभी बहा था सीपू सिंह का लहू -------, वहीँ बही बंदना सिंह की मर्मांतिक अश्रुधारा।
जहाँ कभी गूँजी थी गगनभेदी गोलियों की तड़तड़ाहट------, वहीँ गूँजी बंदना सिंह की मर्मभेदी आर्तनाद।
जहाँ कभी हुआ था जनता का उग्र प्रदर्शन, वही आज देखने को मिला जनता का करुण क्रंदन ।
सगड़ी विधानसभा के चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में बसपा प्रत्याशी बंदना सिंह ने अपनी अंतिम चुनावी जनसभा को जीयनपुर बाजार स्थित अपने आवास के समीप सम्बोधित किया।
सभा में उपस्थित अपार भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने ने कहा ----
मुझे दुःख है---- जहाँ आज हमारे पति स्व सीपू सिंह को इस जनसभा को संबोधित करना चाहिए था, आज उनकी रक्त रंजित भूमि पर खड़ी होकर मै जनता को सम्बोधित कर रही हूँ,। एक सक्षम जनप्रिय लोकनेता की हत्या से उत्पन्न एक पत्नी की इस हृदय विदारक अंतर्वेदना को आप जनता बखूबी समझ रहे है। मैं अपने आँसुओ को रोक नहीं पा रही हूं कि ----- अपने सम्पूर्ण मनोव्यथा को आपके सामने कह सकूँ !
मेरे मुखारबिंदू से जो भी शब्द निकल रहा है , ये केवल मेरी ही अंतर्वेदना नहीं है, वरन -----पति से बिछूड़ी हुयी एक पत्नी की , पिता से बिछुड़े हुआ संतानों की और दुनिया से बिछुड़े हुए एक लोकप्रिय जननेता सीपू सिंह की आर्तनाद है।
उन्होंने रुवासे स्वर में उन शहीदों को स्मरण करते हुए क्षेत्र की जनता को उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि व्यक्त करने के लिए तथा उन आततायियों से बदला लेने की अपील की।
उन्होंने अपने मर्मांतिक भाषण में कहा कि--- मुझे लाल रंग की साड़ी , लाल रंग की चूड़ियां , लाल रंग की बिंदिया और हाथ में मेंहदी लगाने का बहुत शौक था! पर---- जीवन भर के लिए मैं उससे वंचित हो गई हूँ, न मेरा सुहाग वापस आ सकता है ना मेरा शौक।
परंतु मुझे विश्वास है जिस जनप्रियता के कारण मेरे पति तथा क्षेत्र के अन्य 4 व्यक्तिओं की मृत्यु हुयी है, वही जनप्रियता आज सगड़ी विधानसभा प्रत्याशी के रूप में मुझे खींच लाई है, मुझे पूरा विश्वास है कि----- उसे मंजिल तक पहुँचाने में भी आप समर्थ हैं। मै हाथ जोड़ कर आप सभी से प्रार्थना करती हूँ कि----- आप हाथी के सामने वाला बटन दबा कर अपने विधानसभा क्षेत्र की इस बहू, इस बेटी, भाभी तथा अपनी इस बहन को जीत दिलाये।
इसी क्रम में सन्तोष सिंह (टीपू) ने कहा कि- विगत 5 साल में प्रदेश की बदहाली तो किसी से छिपी नहीं है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण यही है कि----- 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए बसपा प्रत्याशी बंदना सिंह की जहाँ जहाँ जनसभाएं हुयी है, उसमें से कई क्षेत्रों में कुछ अराजक्ततत्वों ने विध्न डालने की कोशिश की, और आज भी कर रहे हैं।इन समाज विरोधी तत्वों ने आक्रामक रूप से हमारी जनसभाओं में हर बार अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे है, और पुलिस मूकदर्शक बन कर खड़ी तमासा देख रही है। अब तक इस चुनाव अभियान में जो भी हमारे साथ साये के समान खड़े हैं, उन्हें अलग अलग तरह से धमकियां भी मिल रही हैं। इन अराजतत्वों से आज भी हमारे परिवार का पीछा नहीं छूटा है, मैं इन लोंगो से डरता नहीं हूँ, हमारे परिवार की जो पारंपरिक संस्कृति है, उसी के अनुरूप बंदना सिंह बुलेट का जवाब बैलेट से देंगी। मुझे प्रशासन पर भले ही भरोसा न हो, पर ----अदालती कानून व्यवस्था पर पूरा विश्वास है। एक न एक दिन, इन अराजक्तातों को कानून उसके कुकर्मो की सजा देगा। आप जनता से हमारा विनम्र निवेदन है कि---- इस दुःख की घड़ी में प्रदेश में, कानून व्यवस्था का शासन लाने के लिए, बसपा प्रत्याशी बंदना सिंह को अपना कीमती वोट देकर, बहन मायावती के हाथों को मजबूत बनाएं।
इसके पश्चात ------सभा की अध्यक्षता कर रहे बब्बन राय ने, अपने अध्यक्षीय भाषण में---- प्रबल बहुमत से बंदना सिंह को जीत दिलाने की जनता से अपील की।
इसके अतिरिक्त---- सभा में खुरमुल्लि गुप्ता, सदावृक्ष पांडेय, भानुप्रकाश तिवारी, राकेश यादव, मन्नूलाल जायसवाल, प्रदीप तिवारी, अभय सिंह पटेल, रामजनम सिंह, कमलेश यादव, सुभहान खान तथा नुरुल हुदा ने भी अपना अपना वक्तय रखा और बसपा प्रत्याशी बंदना सिंह को जीत दिलाने की अपील की।
अंत में सभा का संचालन कर रहे अनिल सिंह ने---- सभा स्थल पर आये हुए जनता को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभा के समाप्ति की घोषणा की।
रिपोर्ट- डॉ तपन कुमार पांडेय
आर्टिकल राइटर
आजमगढ़
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ब्यूरो आजमगढ़।
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