भ्रमित न हो जनता।

आज़मगढ़।


आप विदित होंगे कि नोट बंदी के समय जाल में फंसी मछलियों ने किस प्रकार सरकार के विरुद्ध षड्यंत्र किया और जनता को गुमराह करने का हर हथकंडा अपनाया, उस समय जनता भी भ्रमित थी।
आज 3 लाख फर्जी कंपनिया गिरफ्त में आ चुकी हैं। 1 लाख कंपनीयों के खाते जब्त हुए और 2 लाख कंपनीयों को सस्पेंड किया गया। यदि एक कंपनी में 1 करोड़ काला धन होगा तो 3 लाख कंपनी में- (1करोड़×3लाख)= 3 लाख करोड़ रुपये होता है। इसलिए- आप प्रतीक्षा करें, आप दरिद्र नारायणो का दिन फिरने वाले है।
भारत हमारे जन्म भूमि है, हमारे देश है। यदि इसे हम एक परिवार भी मान लें, तो भी हम समझ सकते है कि- ,किसी परिवार में जब एक मकान बनता है, गाड़ी, जेवर, राशन, भूमि आदि की खरीद होती है या अन्य मद से कुछ रुपये घर आता है या घर मे किसी कन्या का विवाह होता है, तो सभी खर्च को जोड़ कर देखते है कि- सब मिला कर कितना धन का व्यय और कितना आमदनी हुआ। यदि बिना किसी ऋण लिए सभी खर्च को जोड़ कर 10 लाख रुपये खर्च हुए और 10 लाख रुपये बैंक में बचा है, तो- इस परिवार का सम्पूर्ण आमदनी 20 लाख रुपये होता है। परिवार में यदि 8 आदमी है, तो प्रति व्यक्ति (20 लाख ÷ 8) = ढ़ाई लाख रुपये माना जायेगा, पर किसी के जेब मे दिखेगा नही।
  हमारे कहने का तात्पर्य यह  है कि- देश के विकास के लिए जितना धन लगता है, उस धन के साथ, रिजर्व बैंक का नगद धन जोड़ कर, संयुक्त धन को 125 करोड़ से भाग देने के बाद जो भी संख्या आएगी, उसी को प्रति व्यक्ति का धन माना जाता है। इसमें वो काला धन भी शामिल किया है, जिसे देश या विदेश से जब्त किया जाता है। उसके साथ विभिन्न प्रकार के बेनामी संपत्ति, नेता व अफसरों द्वारा कमाया गया काला धन भी शामिल होता है।
  इसलिए कह रहा हूँ, इंतजार करें और आराम से देखते रहे, होता क्या है ! अब परत दर परत खुल रही है। नोट बंदी के समय जनता को जो परेशानी उठानी थी, उसका एक मात्र कृत्तिम कारण था- रातो रात बैंक के अधिकारी व  कुछ नेताओ की मिली भगत से बनाये गए तीन लाख फर्जी कंपनी में नयी नोट ट्रांसफर करना। जिस के कारण आम जनता को लंबे समय तक लंबी लाइन लगानी पड़ी। आश्चर्य की बात यह है कि- रात का चोर दिन में सड़क पर आकर सरकार के खिलाफ हल्ला मचाते रहे, और जनता को सरकार के खिलाफ बरगलाते भी रहे।
इस के साथ आपको यह भी बता दे कि- चार बार से अधिक बार रुपये की ट्रांजेक्शन पर जो 125 रुपया बैंक कटेगा, उस ट्रांजेक्शन में करोड़ पति से अरब पति होंगे। क्यो कि- गरीब तो माह में एक बार भी बैंक नही जाते। जाते भी है तो  कभी कभी कुछ रुपये के लिए। अतः चार बार के बाद फिर पांचवा बार ट्रांजेक्शन के लिए जाएगा निश्चित रूप से वह कोई अरबपति ही होगा जिसका टैक्स बैंक काटेगा, वह सरकारी धन हो जाएगा, और गरीबो के काम आएगा।

    प्रस्तुति------
Dr. Tapan Kumar Pandey.
Article Writer.
Samachar india live.

ब्यूरो आज़मगढ़

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