आज़मगढ़।
सरायमीर। वृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे से ग्यारह बजे तक सुर्य ग्रहण के समय कस्बा व क्षेत्र के ग्रामीणों नेे मस्जिदों में दो रकात नमाज कोसूफ अदा की। नमाज अदा करने के दौरान लोगों ने इश्वर से रो-रोकर अपने गुनाहों के क्षमा के लिए प्रार्थना की। ओलमा ने कहा कि चांद सूर्य ईश्वर की दो महान निशानिया है । मनुष्य को गुनाहों से आगाह करने के लिए कभी कभी चांद सुर्य के चलने के नियमों में कुछ समय के लिए तब्दील कर देते हैं । मौलाना सादिक हुसैन इस्लाही ने कहा सुर्य ग्रहण कयामत की निशानियो में से एक निशानी है। जब तक सुर्य ग्रहण रहे तबतक नमाजे कोसूफ , तोता, व दान किया जाए। प्रफेसर डॉ. जेयाउद्दीन इस्लाही ने कहा कि सुर्य ग्रहण के बारे में कुरआन में कहा गया जब कयामत आयेगी तब सुरज की रोशनी समाप्त कर दी जाएगी। सूर्य ग्रहण भी कयामत की एक निशानी है। ऐसे समय में इश्वर से रो-रोकर कर प्रदर्शन करके अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए इस दिन प्रार्थना आवश्य कुबूल होगी।
मोहम्मद यासिर सरायमीर