किसान अपने आधार को बैंक खाते से लिंक कराते हुए केवाईसी अपडेट करा दें।

आज़मगढ़।

रिपोर्ट: वीर सिंह

आजमगढ़ 07 जून-- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत जिन किसानों के द्वारा अपना आधार संशोधन नहीं कराया जा रहा है उसे डुप्लीकेट डाटा मानते हुए उनके डाटा को डिलीट करने की तैयारी कृषि विभाग द्वारा की जा रही है।
उप कृषि निदेशक डॉक्टर आरके मौर्य द्वारा बताया गया कि जनपद में 65600 किसानों का आधार संशोधन किए जाने हेतु लंबित है। इसमें से 22262किसानों के आधार के अनुसार नाम संशोधन किया जाना है जबकि 43338 किसान ऐसे हैं जिनके आधार नंबर में त्रुटियां होने कारण उन्हें सम्मान की धनराशि नहीं प्राप्त हो रही है। बताया गया कि किसानों को जागरूक किए जाने के बावजूद आधार संशोधन न होने से ऐसा प्रतीत होता है कि यह सभी पंजीकरण डुप्लीकेट हैं।बताया गया कि विभाग द्वारा किसानों को पुनः एक अवसर प्रदान करते हुए आधार संशोधन कराए जाने हेतु 1 सप्ताह का समय दिया जा रहा है। इस अवधि में यदि किसानों के द्वारा डाटा का संशोधन नहीं कराया जाता है तो यह मानते हुए कि यह सभी डाटा डुप्लीकेट हैं और उन्हें डिलीट की जाने हेतु उच्च स्तर पर प्रस्ताव प्रेषित  कर दिया जाएगा।
बताया गया कि डाटा संशोधन का कार्य कृषक स्वयं अपने स्मार्टफोन के अतिरिक्त सहज जन सेवा केंद्र ,कॉमन सर्विस सेंटर ,लोकवाणी ,साइबर कैफे अथवा  विकासखंड स्तरीय राजकीय कृषि बीज भंडार पर तैनात किए गए कार्मिकों की सहायता से संशोधन करा सकते हैं। उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि जनपद में अब तक 733473 किसानों के द्वारा पंजीकरण कराया गया है जिसमें से 32698 कृषक अपात्रता की श्रेणी में है, शेष 700775 कृषक पात्र पाए गए हैं। जनपद में 618003 किसानों को नियमित रूप से किसान सम्मान निधि की धनराशि उनके खाते में भुगतान हो रही है। 16172 किसान ऐसे हैं जिन्हें  प्रथम किस्त के रूप में  भुगतान हेतु प्रक्रिया  क्रमिक है। इसी प्रकार जो किसान अपना पंजीकरण कॉमन सर्विस सेंटर सहज जन सेवा केंद्र अथवा समय अपने स्मार्टफोन से किए हैं उनके डाटा को वैलिडेट किया जाना आवश्यक है। बगैर डाटा के सत्यापन उन्हें सम्मान निधि की धनराशि नहीं प्राप्त हो सकेगी। ऐसे किसान अपना आधार कार्ड, बैंक खाते का विवरण, भूमि क्षेत्रफल का विवरण तथा घोषणा पत्र नजदीकी राजकीय कृषि बीज भंडार पर अथवा क्षेत्रीय स्तर पर कार्यरत कृषि विभाग के कार्मिकों को उपलब्ध करा दें ,जिससे उनके डाटा को अभिलेखों के अनुसार सत्यापित करते हुए भुगतान हेतु अग्रसारित किया जा सके। जनपद में ओपन सोर्स से पंजीकरण कराए गए 9228 किसानों का डाटा सत्यापन हेतु अवशेष है। 
उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि जनपद में अपात्र किसानों के द्वारा भी सम्मान निधि की धनराशि लेने के प्रकरण संज्ञान में आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए वही किसान पात्र हैं, जिनके पास कृषि यो.ग्य भूमि हो और राजस्व अभिलेखों में दर्ज हो। परिवार में यदि पति-पत्नी दोनों के नाम जमीन है तो लाभ एक ही को प्राप्त होगा। इसी प्रकार चतुर्थ श्रेणी के कार्मिक को छोड़कर राज्य अथवा केंद्र सरकार के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी/अधिकारी इस योजना के लिए अपात्र होंगे ।10,000 से अधिक पेंशन पाने वाले आयकर दाता ,वर्तमान एवं भूतपूर्व संवैधानिक पद धारक, पंजीकृत पेशेवर डॉक्टर ,इंजीनियर ,वकील ,चार्टर्ड अकाउंटेंट अथवा आर्टिटेक्चर के रूप में कार्य करने वाले कृषक भी अपात्रता की श्रेणी में आएंगे ।बताया गया कि ऐसे किसान जो अपात्रता की श्रेणी में आते हैं और वर्तमान समय में किसान सम्मान निधि की धनराशि प्राप्त कर रहे हैं, वे स्वेच्छा से इसकी सूचना उप कृषि निदेशक कार्यालय को भेज दें, और अब तक प्राप्त धनराशि भी भारत सरकार को वापस कर दें। बताया गया कि विभाग द्वारा ऐसे कृषकों को चिन्हित कर अब तक प्राप्त सम्मान निधि की धनराशि की वसूली की कार्यवाही के साथ-साथ उनके विरुद्ध विधिक कार्यवाही भी प्रारंभ की जा रही है।  
उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि जिन किसानों का खाता नंबर गलत है ,लेकिन आधार नंबर सही है और पंजीकरण में नाम आधार के अनुसार है, उन्हें खाता नंबर सही कराने की आवश्यकता नहीं है। अब सभी किसानों  को आधार बेस्ड पेमेंट होगा। अतः किसान अपने आधार को बैंक खाते से लिंक कराते हुए केवाईसी अपडेट करा दें, जिससे कि सम्मान की धनराशि उनके खाते में जाने में कोई अड़चन न हो।

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