आज़मगढ़।
रिपोर्ट: मोहम्मद यासिर
आज़मगढ़। सरायमीर--स्थानिय थाना क्षेत्र में 46 वर्ष पूर्व पट्टे के स्वामी को प्रशासन के द्वारा कब्जा दिलाया गया। ज्ञात हो कि सन् 1972/1974 में नशबंदी कराने पर बहादुर यादव, ज्ञान चंद निवासी पूनापोखर, हुबराज निवासी राजपुर सिकरौर और जीता निवासी खरेवां को खरेवां रकबा लगभग 150 कड़ी प्रशासन के द्वारा पट्टा की गई थी। भूमि सन् 1995 से दलित, मुशहर, जाती के बंसराज आदि लोग रहने लगे।46 वर्ष पूर्व पट्टे की भूमि पर उपर्युक्त पट्टेदार वारीस बिरेंद्र, सुरेन्द्र, महेंद्र पुत्रगण इन्द्रराज , राकेश, बृजेश, कृष्ण कुमार पुत्रगण बहादुर, कोयल पुत्र जीता दस महा पूर्व पट्टे की भूमि पर कब्जा करने के लिए गए तो मुशहर परिवार के लोग कब्जा नहीं करने दिए। दो महा पूर्व तहसीलदार पुलिस के साथ कब्जा दिलाने पहुंचें तो मुशहर परिवार विरोध कर कब्जा नहीं कराने दिया। उसपर तहसीलदार शलैंद कुमार गौड़ लोग महिने में भूमि खाली करने का आदेश देकर वापस चले गए। आज दिनांक 26 दिसम्बर को पुनः तहसीलदार शलैंद कुमार गौड़ कानुनगो लेखपाल के टीम के साथ पुलिस के सहयोग से कब्जा दिलाने पहुंचें तो मुशहर के परिवार के लोग अपना आशियाना गिरफ्तार देख पहले तहसीलदार के वाहन के सामने आ गए पुलिस के रोकने पर हाथ में ईंट पत्थर लेकर पट्टाधारकों को दौड़ा लिया। इसकी सूचना पाकर उपजिलाधिकारी राजू रत्न सिंह थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर मुशहरों की बात सुन उनके अनुसार रास्ता देखकर पट्टाधारकों को कब्जा दिलाया।