आज़मगढ़।
रिपोर्ट: वीर सिंह
आजमगढ़, 28 दिसम्बर 2021 : कुपोषण को दूर करने के लिए जरूरी है कि गर्भवती न सिर्फ संतुलित आहार लें बल्कि स्वच्छता, समय से चिकित्सीय जांच और परिवार नियोजन के प्रति भी जागरूक हों। यह कहना है बाल विकास परियोजना अधिकारी (डीपीओ) मनोज कुमार मौर्या का।
डीपीओ ने बताया कि आजकल बच्चे फास्ट फूड ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जबकि हरी सब्जियों में पालक, बथुआ, सोया, मेथी आदि से रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है साथ ही खून की कमी भी दूर होती है। उन्होंने बताया कि जिले में पांच वर्ष तक के 5,22,606 बच्चे हैं। इसमें 466015 बच्चों का वजन किया गया है। जिले में 12451 बच्चे अतिकुपोषित यानि लाल श्रेणी के हैं। जबकि 47928 बच्चे मध्यम कुपोषित यानि पीली श्रेणी के और 405636 बच्चे सामान्य यानी हरी श्रेणी के हैं। डीपीओ ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती के विभिन्न कार्यक्रमों जैसे अन्नप्राशन ,गोदभराई कार्यक्रम के आयोजन के साथ-साथ गृह भ्रमण कर गर्भवती एवं धात्री माताओं तथा बच्चों एवं किशोर–किशोरियों को पोषण की जानकारी दी जाती है।
ब्लॉक पल्हनी केंद्र डुगडुगवा - आँगनवाडी सरिता सिंह ने बताया कि एनीमिया, स्वच्छता एवं सफाई, पौष्टिक आहार तथा डायरिया निवारण से संबंधित कार्यक्रमों एवं योजनाओं के संबंध में गृह-भ्रमण के दौरान महिलाओं व परिवार के सदस्यों को जागरूक कर रही हैं। साथ ही 6 माह तक के शिशु के लिए स्तनपान तथा 6 माह से 2 वर्ष तक की आय़ु के बच्चों के लिए स्तनपान के साथ-साथ पूरक आहार की महत्ता, खून की कमी से होने वाली परेशानियों तथा इसके लिए किये जाने वाले प्रयासों, संस्थागत प्रसव, डायरिया प्रबंधन के संबंध में जानकारी भी दे रही हैं। साथ ही प्रतिदिन आहार में शामिल करने के लिए दाल, सोयाबीन, साबूत अनाज, विटामिन-सी युक्त मौसमी सब्जियां व नींबू, आंवला, संतरा,गाजर आदि के बारे में जागरूक कर रही हैं।
लाभार्थी ने भी सराहा
ब्लॉक पल्हनी नौ माह (राधिका) की माता आरती देवी बताया कि उसकी बेटी का पोषण स्तर पहले लाल था। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के प्रयास से हरे श्रेणी में आ गया है। आंगनबाड़ी द्वारा घर में आकर पोषण के संबंध में जानकारी दी। साथ ही घर के बाहर किचन गार्डन के बारे में भी बताया। वहीं अवराना गर्भकाल 5 माह ने बताया की आंगनबाडी नियमित सलाह और सप्ताहिक गृह-भ्रमण करती हैं। साथ ही मेरा टीकाकरण तथा नियमित स्वास्थ्य जांच भी कराती हैं।