सहायक व्यय प्रेक्षक, सहायक नोडल आफिसर, लेखा टीम एवं वीडियो अवलोकन टीम को प्रशिक्षण दिया गया।

आज़मगढ़।

रिपोर्ट: वीर सिंह

आजमगढ़ 16 दिसम्बर-- भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विधान सभा निर्वाचन 2022 की तैयारियों के दृष्टिगत अपर जिलाधिकारी प्रशासन की अध्यक्षता में नेहरू हाल के सभागार में विधान सभा चुनाव के लिए गठित व्यय अनुवीक्षण सेल में लगे सहायक व्यय प्रेक्षक, सहायक नोडल आफिसर, लेखा टीम एवं वीडियो अवलोकन टीम को प्रशिक्षण दिया गया।
नेहरू हाल में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य कोषाधिकारी विजय शंकर ने बताया कि अधिसूचना से लेकर मतगणना तक आपको आयोग के अंग के रूप में कार्य करना है और व्यय अनुवीक्षण पुस्तिका में दिये गये निर्देशों के अनुसार अपने-अपने दायित्वों का भली भॉति अध्ययन करते हुए प्रत्येक स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित कराना है। उन्होने बताया कि अधिसूचना जारी होने के बाद सामान्य व्यक्ति को 10 हजार रू0, पार्टी पदाधिकारी को 50 हजार रू0 एवं स्टार प्रचारक को 01 लाख रू0 से अधिक धनराशि लेकर चलने पर उसका प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। उन्होने कहा कि बैंक खाते में यदि प्रत्याशी द्वारा 50 हजार रू0 से अधिक जमा किया जाता है तो बैंक मैनेजर जिलाधिकारी को सूचित करेंगे। सहायक व्यय प्रेक्षक सीधे व्यय प्रेक्षक के संरक्षण में कार्य करेंगे और प्रत्याशियों द्वारा किये जाने वाले कार्यक्रमों की वीडियो अवलोकन टीम द्वारा प्रतिदिन वीडियो निगरानी टीम के माध्यम से वीडियोग्राफी करायी जायेगी और इसका अवलोकन करते हुए लेखा टीम के माध्यम से छाया प्रेषण रजिस्टर में अंकित करना होगा।
मुख्य कोषाधिकारी ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले हर प्रत्याशियों को अलग से एक खाता खोलना होगा, उसी में से उनको निर्वाचन के दौरान खर्च करना होगा। यदि किसी भी पार्टी का मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री किसी एक जन सभा में 10 विधान सभा के प्रत्याशियों का नाम लेते हैं तो वहॉ पर जो खर्च आयेगा, वह 10 प्रत्याशियों में जोड़ा जायेगा। उन्होने कहा कि चुनाव के दौरान हैण्डबिल, पोस्टर, बैनर पर मुद्रक का नाम अवश्य दर्ज होना चाहिए। छापे हुए मुद्रक जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा। यदि कोई व्यक्ति किसी प्रत्याशी का ब्यौरा जानना चाहता है तो वह 01 रू0 देकर जान सकता है एवं वीडियो/सीडी लेना चाहता है तो 03 रू0 देना होगा। यदि किसी भी प्रत्याशी को चंदा के रूप में पैसा मिलता है तो उसे प्रत्याशी के खोले गये खाते में जमा करना होगा। निर्वाचन के दौरान विवाह, सामुदायिक भवन, मैरेज हाल आदि का प्रयोग निर्वाचन अधिकारी के निगरानी में होने चाहिए। कहीं पर पार्टी/भण्डारा हो रहा हो तो वीडियो निगरानी टीम पहुॅचकर पूछताछ करे एवं वीडियोग्राफी करायें। यदि किसी वाहन का परमिशन नही है तो उस गाड़ी को जब्त करें, यदि उनके द्वारा पास दिखाया जाता है तो उनको जाने दिया जाय। उन्होने कहा कि सभी संवेदनशील विधान सभाओं में पैनी नजर रखी जायेगी। उन्होने कहा कि प्रत्याशियों के कितने वाहनों का परमिशन है तथा प्रतिदिन एक वाहन के कितना खर्च आ रहा है, उसका ब्यौरा लेखाधिकारी को प्रस्तुत करना होगा। 
उन्होने बताया कि प्रत्येक विधान सभा में तीन टीमें लगायी गयी हैं, जिसमें एक अधिकारी, एक वीडियोग्राफी टीम तथा एक पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल हैं।
इस अवसर पर स्टेट लेबल मास्टर ट्रेनर ईवीएम/वीवी पैट कुलभूषण सिंह द्वारा ईवीएम मशीन चलाकर सभी को प्रशिक्षण दिया। 
उक्त प्रशिक्षण में सहायक व्यय प्रेक्षक, सहायक नोडल आफिसर, लेखा टीम एवं वीडियो अवलोकन टीम उपस्थित रहे।

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