बेटियों को विरासत नही चाहिए !!


कविता।

बेटियों को विरासत नही चाहिए !!

शादी के बाद हर लड़की चाहती है !!
की उसके पिठ पीछे मायके की एक मजबूत दीवार हो !!

कुछ ना भी मिले फिर भी !!
ऐ एहसास हो मेरे मायके वाले मेरे साथ हैं !!

तीज त्योहार पर मायके से कोई आये !!
साड़ी कपड़े मिठाईयों के साथ !!

ससुराल में गर्व से बोलती हैं !!
मेरे मायके से आया है !!

मायके से एक बटोहिया भी आ जाये तो !!
लगता हैं पुरा मायका आ गया !!

खिचडी़ पर माँ भेजती है !!
चुरा और लड्डुओं की टोकरी !!

बच्चों के लिए भी कपड़े !!
पैसे के साथ एक चिठ्ठी भी भेजती है !!

दामाद जी के लिए कपड़े ले लेना !!
उनकी पसंद से !!

खुशी से आँसू छलक जाते हैं !!
जब माँ के भेजे चिठ्ठी पढ़ती हैं !!

बेटियों को विरासत नही चाहिए !!
वो तो एक पोटली से ही खुश हो जाती हैं !!

माँ बाप के प्यार और भईया की दुलार !!
और कुछ नहीं मांगती हैं !!

मायके की दीवार चाहती है !!
खुद सुरक्षित महसूस करती हैं !!

किसी बात पर रुठ कर बोलती हैं !!
मै अपने  माँ के घर चली जाऊंगी !!

सब कुछ भुल जाती हैं !!
मायके से जब कोई आता हैं !!

लेखिका 
मीना सिंह राठौर 
नोएडा उत्तर प्रदेश


और नया पुराने