आज़मगढ़।
सगड़ी।
परिजनों ने पुलिस पर लापारवाही का लगाया आरोप नही की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज।
छीना परिजनों से शव, जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के अंजान शहीद बाजार पुलिस छावनी में रहा तब्दील।
आजमगढ़. जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के अंजान शहीद बाजार से चार दिन पूर्व लापता हुए कोचिंग छात्र का शव गुरुवार की सुबह बलिया जनपद में मिलने के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने कल देर शाम अंजान शहीद बाजार में शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया था। घटना का पर्दाफाश और मृतक के परिजनों को मुआवजे की जिद पर अड़े ग्रामीण अड़े थे
जाम की सूचना पाकर पुलिस व प्रशासन के आलाअधिकारी मय फोर्स मौके के साथ पहुंचे अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर जाम समाप्त कराने का प्रयास किया गया था, लेकिन ग्रामीण उग्र हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी भांजना शुरू किया था। ग्रामीणों ने भी पुलिस पर पथराव कर दिया था। इसके बाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच गुरिल्ला युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी।मामला गम्भीर होता देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटना शुरू कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने परिजनों के कब्जे से शव को छीन लिया। पुलिस का तेवर देख विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग मौके से भागने में ही समझदारी समझी। घटना के बाद अंजान शहीद बाजार पुलिस छावनी हो गया।
जानकारी के अनुसार, जीयनपुर क्षेत्र के तुरकौली ग्राम निवासी 15 वर्षीय संदीप चौहान पुत्र दयाराम स्थानीय अंजान शहीद बाजार में स्थित कोचिंग सेंटर में पढ़ता था। चार सितंबर की सुबह वह घर से साइकिल द्वारा कोचिंग सेंटर के लिए चला और फिर वापस घर नहीं लौटा। परिजन अपने स्तर से उसकी तलाश किए, लेकिन सुराग नहीं लगा। जबकि संदीप की साइकिल कोचिंग सेंटर के पास से बरामद की गई। बुधवार को संदीप के पिता दयाराम ने जीयनपुर कोतवाली में पुत्र के अपहरण की आशंका जताते हुए अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस घटना की छानबीन कर रही थी।
गुरुवार की भोर में संदीप का शव बलिया जिले के रसड़ा थाना क्षेत्र स्थित जंगल में रस्सी के सहारे पेड़ से लटकता मिला। वहां की पुलिस द्वारा शव मिलने की सूचना मृतक के परिजनों को मिली। परिजन मौके पर पहुंचे और पोस्टमार्टम के बाद देर शाम शव को घर लाया गया। मुकामी पुलिस द्वारा यह आशंका जताने पर कि संभवतः मृतक संदीप किसी लड़की के साथ फरार हुआ था। इस जानकारी के बाद परिजनों व क्षेत्र के लोगों को धैर्य जवाब दे गया। ग्रामीण अंजान शहीद बाजार में देर शाम शव को सड़क पर रखकर गोरखपुर-वाराणसी मार्ग पर जाम लगा दिए। जाम का नेतृत्व कर रहे लोगों में पुलिस के प्रति आक्रोश रहा। लोग जाम स्थल पर उच्चाधिकारियों को बुलाने की जिद पर अड़े रहे। रात करीब आठ बजे पुलिस ने लाठीचार्ज किया। जवाब में ग्रामीणों द्वारा भी पथराव किया गया लेकिन पुलिस के आगे उनकी एक नहीं चली और लोगों को मैदान छोड़कर भागना पड़ा।
मृतक के परिजनों में सन्दीप के पिता दयाराम चौहान ने पुलिस पर आरोप लगाते हुई बताया कि- हम लोग जाम लगाने के पक्ष में नही थे पर आस पास के लोगो ने खुद जाम लगा दिया ।हम तो पुत्र की मौत से खुद दुखी थे, यदि पुलिस ने 04 सितम्बर को ही मुकदमा दर्ज कर छानबीन प्रारम्भ कर दिया होता तो शायद सन्दीप की मौत नही होती। हमे जब सूचना मिली तो हम 05 मोटरसाइकिल से 12 लोग पहले रसड़ा थाना के पकवा इनार पहुंचे वहाँ पुलिस ने हमें बलिया जनपद के सदर अस्पताल पहुंचने को कहा। हम लोग शव को पोस्टमार्टम से पहचान कर हम प्राइवेट एम्बुलेंस से लेकर घर आ रहे थे। अंजान शहीद बाजार के पहले चुंहनवा मोड़ पर लोगो ने रोक लिया और जाम लगा दिया।हम जल्दी से दाहसंस्कार करना चाहते थे।पर पुलिस ने बर्बरता पूर्वक इतनी लाठियां मारी की हमे चला भी नही जा रहा है हमारे दर्जन भर आये रिश्तेदारों को भी बुरी तरह से पीटा खासकर बिना महिला पुलिसकर्मी के ही महिलाओं पर लाठियो से बुरी तरह से मारा गया ।गांव में लगभग 50 से ऊपर घायल है पर पुलिस ने जिस तरह से बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया वह हम सब को जीवनभर याद रहेगा।
पुलिस ने इतनी तत्त्परता मेरे बेटे को ढूंढने में दिखाई होती तो इस तरह की घटना आज नही होती।
हम पुलिस की इस बर्बरता के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे और मामले को ऊपर तक ले जाएंगे।
रिपोर्ट- मनोज चतुर्वेदी
जोन रिपोर्टर
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समाचार इंडिया लाइव
ब्यूरो आज़मगढ़