पीने के पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण, पीटा जा रहा विकास का डंका।

आगरा।

आगरा से विकास गुप्ता की रिपोर्ट-

आगरा- कहते हैं कि पानी से पतला कुछ नही होता लेकिन कुछ लोगो को उसे भी पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है । सरकार चाहे लाख दावे करे कि वो देश की तरक्की के रास्ते मे ले जाने के लिए ग्रामीण अंचल को मजबूत और विकसित बना रही है . सरकार के नुमाइंदे भी ग्रामणी इलाको में विकास की गाथा गाते नही थकते लेकिन एतमादपुर तहसील के गांव खेड़ा महासिंह की तस्वीर इन दावों और वादों को झकझोर देने वाली है।
दरअसल एतमादपुर की ग्राम पंचायत मितावली का गांव खेड़ा महासिह पूरा दलित लोगो का गांव है । शायद उनका दलित होना ही उनके लिए अभिशाप बन गया है। गांव की एक टीटीएसपी जो कि पिछली बसपा सरकार के विधायक धर्मपाल सिंह के द्वारा लगवाई गयी थी, दो महीने से खराब हो गई है जिसकी मरम्मत के लिए ग्रामीण ग्राम प्रधान मुन्नेश बाबू से कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन प्रधान जी इसे अपने बड़े लेवल की बात बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। जिससे परेशान ग्रामीणों ने कई तहसील दिवस में भी पानी का रोना रोया लेकिन अधिकारियों का दिल पसीजने का नाम नही ले रहा है। अब हालात ये है कि ग्रामीण महिलाएं व बच्चे चोरी छिपे खेतो की सिचाईं के लिए जा रही पाइप लाइन के जोड़ से रिसने वाले पानी को भरकर प्रयोग में ला रहे हैं। उसमें भी अगर ट्यूबेल मालिक को इस बात की जानकारी हो जाये तो आये दिन विवाद हो जाता है। अगर गांव में और विकास कार्य की बात करना तो बेकार ही क्योंकि यहां के खड़ंजे पिछले 15 साल पहले बने थे उसके बाद ग्राम प्रधानों की कार्ययोजना ही नही पास हो पाई जिससे यह निर्माण कार्य हो पाता। अब देखना यह है कि कब अधिकारी इस मामले को संज्ञान में लेते है और ग्रामीणों को पीने का पानी मुहैया करा पाते हैं।

www.samacharindialive.in

http://samacharindialive.blogspot.com

https://www.facebook.com/samacharindialive
                              
                         समाचार इंडिया लाइव
                             ब्यूरो आगरा।
 

और नया पुराने