मऊ।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का फंडा इन दिनों लोगों पर कैसे भारी पड़ रहा है यह रतनपुरा डाकघर में उमड़ रही भीड़ का देखकर लगाया जा सकता है, यह दो लाख का चक्कर है ,और इस उम्मीद में बेटियों के परिजन कथित अभिदाता पंजीकरण फार्म भर रहे हैं ,शनिवार का दिन पंजीकरण का अंतिम दिन है ,लेकिन कोई भी ग्रामप्रधान यह सुनिश्चित नहीं कर पा रहा है कि भरा गया फार्म वास्तविक है या नही ? इसकी सच्चाई क्या है यही नहीं डाकघर के कर्मचारी खुद ही अचंभित हैं की उन्हें इस तरह की किसी योजना की जानकारी नहीं है, आवेदकों को बार बार समझाने के बावजूद भी इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है, शुक्रवार के दिन भीड़ कम थी, जबकि शनिवार का दिन अंतिम दिन होने की वजह से लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, जाने माने चिंतक संतोष कुमार आडिओलाजिस्ट का मानना है कि देश में इतनी बेरोजगारी है कि लोग किसी भी समय कभी भी इस तरह के गोरखधंधे के शिकार हो जा रहे हैं, ऊपर से अधिकारियों द्वारा स्पष्ट रुप से बताया ना जाना भी इस तरह के गोरख धंधा करने वालों को बढ़ावा मिला है, जिस पर प्रभावी नियंत्रण की आवश्यकता है।
रिपोर्ट- विपिन दुबे
ब्यूरो मऊ।
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