जिस मजहब में दया का भाव हो वह हिंसक कभी नहीं हो सकता :: नागेंद्र प्रसाद सिंह

मनोज चतुर्वेदी ब्यूरो प्रभारी सगड़ी आजमगढ़।

आजमगढ़।

आजमगढ़ जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह द्वारा जामिया इस्लामिया मदरसा मुजफ्फरपुर में लाइब्रेरी व मानुष स्क्रिप्ट सेक्शन का निरीक्षण किया गया।
 इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि हजारों साल पहले हमारे पूर्वज लैटिन, अरबी, चीनी भाषा सीख कर दूसरे देशों की उपलब्धियों को अपने यहां लाए। हम लोगों को सभी मजहबों को पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि इल्म-तालिम हमें इंसान बनना सिखाती है। हदिश एवं स्मृतियों को पढ़ने में कोई मौलिक अंतर नहीं है बल्कि भौगोलिक आधार पर कुछ अंतर हो सकता है। जिस मजहब में दया का भाव हो, वह हिंसक नहीं हो सकता है। हम लोगों को वैचारिक ताकत के आधार पर समाज में बदलाव लाने की जरूरत है। धर्म का उदय इंसान बनने के लिए हुआ है, लेकिन आज के इंसान धर्म के आधार पर बंट गए हैं, हम लोगों को इससे ऊपर उठकर इंसान बनने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जो लोग इस मदरसा में तालिम ले रहे हैं, वे एक अच्छे इंसान बने और हम लोगों को अपने संविधान को भी पढ़ने की जरूरत है।
मदरसा के संस्थापक मौलाना तक्यूद्दीन नदवी द्वारा सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया। उन्होंने कहा कि आप लोग इल्म-तालिम सीख कर पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन करें।
इस अवसर पर मदरसा के संस्थापक मौलाना तक्यूद्दीन नदवी, प्रधानाचार्य मौलाना अब्र्दर रशीद, मौलाना फरुद्दीन नदवी सहित अध्यापक/छात्रगण उपस्थित रहे।
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