आज़मगढ़।
लेख: डॉ० अखिलेश चन्द्र
लेख-यह भारतीय फ़िल्म उद्योग का एक यादगार पल है जिसमें एक ही फ्रेम में सदी के महान अभिनेता दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान नज़र आ रहें हैं। अमिताभ बच्चन दिलीप कुमार बनना चाहतें हैं और शाहरुख खान अमिताभ बच्चन।
अपने-अपने समय के ये तीनों अभिनेता सर्वश्रेष्ठ पायदान पर रहे हैं।याद कीजिए दिलीप कुमार का दौर औऱ उनकी फिल्में- मधुमति,गंगा-जमुना,नया दौर,राम और श्याम,देवदास,ज्वार-भाटा, अंदाज, दाग,दीदार,मुगलेआजम,शक्ति,जुगनू,क्रांति,विधाता, कोहिनूर, लीडर,आजाद,कर्मा,मजदूर,दुनिया, इज्जतदार, सौदागर,किला,जैसी कुल 56 फिल्में भारतीय फिल्म उद्योग की धरोहर हैं।
अमिताभ बच्चन ने उनके साथ फ़िल्म 'शक्ति'की थी जो उस समय की ब्लॉकबस्टर फिल्मों में गिनी जाती है।हालांकि अमित जी ने लम्बे समय से फिल्मी दुनिया पर राज किया है।जब वो दिलीप साहब के साथ स्क्रीन पर होते तो दिलीप साहब उनपर हमेशा भारी रहे।शक्ति फ़िल्म में बाप और बेटे के किरदार में दिलीप कुमार साहब अमित जी पर इतना दबाव बनाकर रखते हैं कि अमित का कही अता-पता नही चलता पर कहा जाता है न जब आप बड़े से टकराते है तब आप भी बड़े बन सकते हैं और हुआ भी यही।जिन दिनों अमिताभ बच्चन संघर्ष कर रहे थे उन दिनों दिलीप कुमार बुलन्दी पर थे।हालांकि शक्ति के समय अमिताभ बच्चन परिचय के मोहताज नही थे।उनकी एंग्री यंग मैन फ़िल्म 'जंजीर'आ चुकी थी पर जंजीर औऱ शक्ति अलग अलग फिल्में थी।एक तरफ जहां जंजीर अमिताभ बच्चन स्टारर फ़िल्म थी तो दूसरी तरफ शक्ति दिलीप कुमार के सामने अमित की को स्टारर।शक्ति में अमिताभ बच्चन के अपोजिट स्मिता पाटिल थीं दोनों पर् फिल्माया गया गाना'आज रपट जाये तो हमें न उठाईयो'आज भी चर्चा में रहता है।
अमिताभ बच्चन जी ने अपना कैरियर कुछ छोटी फिल्मों से शुरू किया।उनकी फिल्मों में-सात हिंदुस्तानी, सौदागर, आनन्द,जंजीर,शक्ति, रोटी कपड़ा और मकान,मिस्टर नटवरलाल,अंधा-कानून,सिलसिला, कभी-कभी,जादूगर,शोले, दोस्ताना,खून-पसीना,सुहाग,मुकद्दर का सिकन्दर, खुद्दार, सत्ते पर सत्ता, राम बलराम, डान,अग्निपथ,कुली,अमर अकबर अन्थोनीपा, कभी खुशी कभी गम,बांगबान,मोहब्बतें, बंटी और बबली,आंखे,गंगा जमुना सरस्वती,पिंक, जैसी सैकड़ों फिल्में उनके सदाबहार सुपरस्टार के रूप में दर्ज हैं।
अमिताभ बच्चन स्टारर इन फिल्मों के दौर में शाहरुख खान के संघर्ष का दौर भी आ गया।अमिताभ बच्चन की बेहतरीन फिल्मों में जैसे-मोहब्बतें, कभी खुशी कभी गम, में शाहरुख खान ने दस्तक दिया।इन फिल्मों में शाहरुख खान का डायलॉग भी आता है कि वो अमिताभ बच्चन जी जैसा बनना चाहते हैं।
अमिताभ बच्चन भी पूरा स्पेस देते हैं पर हर किसी का सपना एक दौर होता है।अमिताभ बच्चन तो एक जीती जागती पूरी फिल्म इंडस्ट्री है।इसी दौर में शाहरुख खान ने भी अपने को स्थापित किया।उनकी फिल्मों में -दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, दीवाना,अंजाम,बाजीगर,डर,कुछ कुछ होता है, देवदास,चक दे इंडिया,करन-अर्जुन,रब ने बना दी जोड़ी,रा वन,कल हो न हो,वीर जरा, मुहब्बते,कभी खुशी कभी गम,ओम शांति ओम,जैसी सैकड़ों फिल्मों से अपना मुकाम बनाया।
दिलीप कुमार और शाहरुख खान में एक समानता यह रही है कि दोनों ने देवदास नाम से फ़िल्म में अभिनय किया और दोनों ने अपने अपने अंदाज में देव बाबू का किरदार निभाया।
यह तीनों महान अभिनेता अपने में महान हैं, तीनों एक दूसरे के लिये अपना बड़प्पन भी दर्शातें रहें हैं।एक साक्षात्कार में दिलीप कुमार साहब ने यहाँ तक कह दिया था कि यदि उनका बेटा होता तो वो एकदम शाहरुख खान जैसा होता।यह तीनों अभिनेता अनेकों बार फ़िल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त भी हैं।तीनों के आदर्श व्यक्तित्व के लिये बधाई और भविष्य की शुभकामनाएं।