आज़मगढ़।
रिपोर्ट: वीर सिंह
आजमगढ़, 20 दिसम्बर 2022: जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों पर वृहस्पतिवार 15 ( दिसम्बर) को मनाये गए पहले निक्षय दिवस पर ओपीडी में पहुंचे 5262 मरीजों में से 432 संभावित मरीजों के बलगम की जांच हुई| इनमें से 21 में टीबी की पुष्टि हुई | इसके अलावा एक्स-रे जाँच में छह लोगों में टीबी की पुष्टि हुई | इन मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी का कहना है कि जिले के 22 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 84 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, राजकीय चिकित्सालय एवं जिला महिला चिकित्सालय के साथ 207 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर संभावित मरीजों के सैम्पल लेकर जांच की गयी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ परवेज़ अख्तर ने बताया कि ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों में से 432 के सैम्पल की जाँच हुई, जिसमें 21 में बलगम व छह में एक्स-रे जाँच में टीबी की पुष्टि हुई| 366 पुराने टीबी मरीजों की जाँच में एक में एचआईवी व टीबी दोनों की पुष्टि हुई | इसके साथ ही 412 टीबी मरीजों की शुगर की जांच की गयी, जिसमें चार में डायबिटिक की पुष्टि हुई | डॉ. अख्तर ने कहा कि अब हर माह की 15 तारीख को आयोजित होने वाले निक्षय दिवस के माध्यम से संभावित टीबी मरीजों की जांच में मदद मिलेगी|
जिला कार्यक्रम समन्वयक पीयूष अग्रवाल ने बताया कि निक्षय दिवस का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्राथमिक रूप से संभावित क्षय रोगियों को खोजकर स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करवाना एवं पुष्टि होने पर मरीज की निगरानी एवं सुविधा उपलब्ध कराना है| इसके लिए सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर मरीजों के बलगम रखने के लिए स्थान निर्धारित कर कफ कार्नर प्लेस बनाए गए थे। कफ रेफरल से पहले प्रत्येक केंद्र पर संभावित क्षय रोगियों के एचआईवी और शुगर की भी जांच की गई| आशा कार्यकर्ताओं द्वारा संभावित मरीजों को पहले ही सूचित कर दिया गया था, जिससे मरीजों को स्वास्थ्य इकाइयों तक आने में कोई दिक्कत न हो|
क्षय रोग में सबसे जरूरी बलगम की जांच कराना है। बलगम की जांच में क्षय रोग की पुष्टि होने पर इलाज के दौरान सरकार द्वारा 500 रुपए प्रतिमाह पोषण के लिए दिया जाता है| आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर टीबी के लक्षण वाले लोगों को जांच कराने के लिए प्रेरित किया गया| उन्होंने लोगों से कहा कि यदि किसी को दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आ रही है, रात में पसीना आता है, भूख नहीं लगती है या दो हफ्ते से अधिक समय से बुखार रहता है तो जांच कराने का सबसे अच्छा मौका है| जांच में टीबी की पुष्टि होने पर इलाज के लिए मरीज को सूचना भी दी गई|