राम केवट का संवाद देख श्रोता हुए मंत्रमुग्ध।


आज़मगढ़।

रिपोर्ट: वीर सिंह

आज़मगढ़: सगड़ी तहसील क्षेत्र के श्री रामलीला समिति महा महोत्सव अठनारू इसरहा छोटी सरयू दुगनी पुल पर हो रही ऐतिहासिक रामलीला का मंचन लोगों को भाव विभोर कर दिया आपको बता दें कि सालों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए ग्रामीण आज भी उसी उत्साह में से रामलीला का मंचन करते हैं। 
जहाँ राम-केवट संवाद की लीला का भव्य मंचन किया गया। कलाकारों का अभिनय देख दर्शक भावविभोर हो गए।
जब भगवान राम लक्ष्मण व सीता सहित गंगा के किनारे केवट को पार उतारने के लिए कहते हैं तो केवट कहता है हे प्रभु आपके लीला  को मैं जानता हूं। जब शिला ,नारी बन सकती है तो मेरी नाव तो काठ की है। हे प्रभु यदि आपने मेरी नाव छू दी और यह भी नारी बन जाएगी तो मैं क्या करूंगा।
मैं इसी से अपना परिवार पालता हूं। इसलिए प्रभु पांव धुलकर ही हम नाव पर बैठाएंगे। भगवान राम केवट का प्रेम देख मुस्कुरा कर बोले ठीक है तुम मेरा पैर धुल सकते हो। केवट अपनी स्त्री से कठौता में गंगाजल मंगाकर प्रभु का पैर धुलकर नाव में बिठाकर गंगा पार कराता है।
गंगा उस पार उतर कर संकोच भरी निगाहों से भगवान राम सीता से कहते है सीता आपके पास मुद्रिका है। केवट को उतराई दे दो। केवट राम के चरण में गिरकर याचना करता है और कहता है कि हे नाथ मुझे कुछ नहीं चाहिए। आपको मैंने गंगा पार कराया है।
आप मुझे भवसागर से पार कर देना। हे प्रभु जब लौटकर आइएगा तो जो आप देंगे वो प्रसाद के रूप में ग्रहण कर लूंगा। केवट की यह बात सुनकर राम आशीर्वाद देकर आगे बढ़ जाते हैं राम केवट प्रसंग देख रामलीला प्रांगण जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा।
इस दौरान आयोजक आलोक कुमार सिंह ने कहा कि- रामलीला का आयोजन आप सभी के सहयोग से ही संभव हो रहा है।
कलाकारों ने समाज को आपसी सौहार्द और प्रेम बनाये रखने के साथ अपनी संस्कृति और सभ्यता को जीवन मे उतारने का संदेश दिया। उन्होंने रामलीला को सफल बनाने के लिए क्षेत्रवासियों से सहयोग की अपील भी की।
वही इस रामलीला समिति के 25 साल पूरे होने पर आयोजक मंडल ने कमेटी के वरिष्ठ जनों को सम्मानित किया गया। जिसमें प्रमुख रूप से जनार्दन सिंह, वीरेंद्र नाथ सिंह, पारसनाथ सिंह, अशोक सिंह, राजेश सिंह, शिव बचन यादव, जगपति साहनी, नरसिंह यादव, बच्चन साहनी, त्रिलोकी साहनी, ओम प्रकाश साहनी, दुर्बल साहनी, धीरज राजभर आदि लोग रहे।

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