दोस्त ही निकला दोस्त का कातिल! फावड़े से निर्मम हत्या, इलाके में दहशत


आज़मगढ़।

रिपोर्ट: वीर सिंह

आज़मगढ़: रात के अंधेरे में रची गई खौफनाक साजिश

कवरेज डेस्क: सगड़ी जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के फैजुल्ला जहरुल्ला गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। बीती रात, एक दोस्त ने ही अपने जिगरी दोस्त को मौत के घाट उतार दिया।


हत्या की इस वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना, क्षेत्राधिकारी शुभम तोदी और जीयनपुर थाना की फोर्स ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। हत्या की सूचना मिलते ही गांव में कोहराम मच गया।

पांच साल की दोस्ती में छुपी थी एक घातक साजिश!

मृतक राकेश कुमार (27), निवासी खलिसा, थाना मोहम्मदाबाद, जनपद मऊ, और आरोपी शैलेश कुमार (पुत्र अंबिका) वर्षों से अच्छे दोस्त थे। दोनों टाइल्स लगाने का काम एक साथ किया करते थे। लेकिन कोई नहीं जानता था कि इस दोस्ती की आड़ में एक जानलेवा दुश्मनी पल रही थी।

सूत्रों की मानें तो राकेश और शैलेश की प्रेमिका के बीच बढ़ती नज़दीकियां ही इस खौफनाक हत्या की वजह बनी। शैलेश को शक था कि राकेश उसकी प्रेमिका से मोबाइल पर बात करता था। इसी संदेह ने उसके दिल में नफरत की चिंगारी भड़का दी और उसने एक शातिराना साजिश रच डाली।

मौत का जाल: टाइल्स लगाने के बहाने बुलाया और फिर...

सोमवार को शैलेश ने राकेश को फोन कर अपने घर बुलाया, यह कहकर कि उसे एक जगह टाइल्स लगाने का काम करना है। दोस्त की बात पर भरोसा कर राकेश बेफिक्र चला आया।

शैलेश ने उसे अपने घर से कुछ दूरी पर स्थित एक निर्माणाधीन मकान में ले गया, जो करीब 100 मीटर दूर था। वहां पहुंचते ही माहौल अचानक बदल गया। राकेश कुछ समझ पाता, इससे पहले ही शैलेश ने हाथ में थामा फावड़ा घातक वार के लिए उठा लिया।

कहते हैं, जब दोस्त ही दुश्मन बन जाए तो बचाव की कोई गुंजाइश नहीं होती। शैलेश ने बेरहमी से फावड़े से ताबड़तोड़ वार किए, जब तक कि राकेश की सांसें थम न गईं। सिर और मुंह को बुरी तरह कुचल दिया ताकि पहचान भी मुश्किल हो जाए।

खून से सने फर्श पर पड़ा था शव, पुलिस को मिली गुप्त सूचना

मंगलवार की सुबह किसी ने इमिलिया पुलिस चौकी को गुप्त सूचना दी कि गांव में एक नृशंस हत्या हुई है। पुलिस मौके पर पहुंची, तो वहां खून से सना फर्श और बिखरे हुए सुराग मिले। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। मृतक के पिता रामदुलारे ने शैलेश, उसके भाई, दो बहनों और मां के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। पुलिस ने आरोपी समेत परिवार के सदस्यों को हिरासत में ले लिया है।

क्या यह एक सुनियोजित हत्या थी या अचानक उपजा गुस्सा?

इलाके में इस हत्याकांड को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। क्या यह पहले से सोची-समझी साजिश थी? या फिर शैलेश के मन में अचानक उपजे गुस्से ने उसे हैवान बना दिया?

जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि घटना के बाद शैलेश ने जल्दी से सारे खून के निशान मिटाने की कोशिश की थी, लेकिन कुछ सुराग फिर भी बच गए। पुलिस को घटनास्थल से खून से सना फावड़ा, टूटे हुए मोबाइल के टुकड़े और संघर्ष के निशान मिले।

रहस्य और भी गहराया: क्या कोई और भी शामिल था?

पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस हत्या में शैलेश अकेला था या उसके परिवार के अन्य सदस्य भी इसमें शामिल थे? क्या यह सिर्फ शक का मामला था या प्रेम त्रिकोण का कोई और गहरा राज छुपा था?

गांव में चर्चाओं का बाजार गर्म है। कुछ लोगों का कहना है कि राकेश को पहले से इस बात का अंदाजा था कि शैलेश उससे नाराज है, लेकिन वह यह नहीं समझ पाया कि नाराजगी की यह आग उसकी जिंदगी ही लील जाएगी।

क्या पुलिस इस हत्या की गुत्थी सुलझा पाएगी? क्या कोई और चौंकाने वाला सच सामने आएगा?

आखिरकार, दोस्ती की आड़ में छिपा एक कातिल अपने ही दोस्त की जान का दुश्मन बन बैठा! लेकिन क्या यह अंत है या किसी बड़े षड्यंत्र की महज शुरुआत?

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