आज़मगढ़।
रिपोर्ट: वीर सिंह
आजमगढ़: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में हिंदू श्रद्धालुओं की निर्मम हत्या से पूरा देश शोक और गुस्से में है। इसी के विरोध में गुरुवार की शाम जीयनपुर बाजार में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और एक शांतिपूर्ण लेकिन भावनात्मक कैंडल मार्च निकाला।
इस कैंडल मार्च का उद्देश्य केवल मृतकों को श्रद्धांजलि देना नहीं था, बल्कि आतंकवाद और उसे समर्थन देने वाली ताकतों के खिलाफ एक सशक्त संदेश देना भी था। मार्च में शामिल लोगों ने हाथों में मोमबत्तियाँ, तख्तियाँ और राष्ट्रध्वज लिए हुए ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ और ‘देश के गद्दारों को बख्शा नहीं जाएगा’ जैसे नारों के साथ अपना आक्रोश व्यक्त किया।
मार्च की शुरुआत जीयनपुर के मुख्य चौक से हुई, जहाँ बड़ी संख्या में व्यापारी, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र-छात्राएं, महिलाएं और बुजुर्ग इकट्ठा हुए। वहाँ दो मिनट का मौन रखकर हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद शांतिपूर्वक कैंडल मार्च नगर के प्राचीन शिव मंदिर से होते हुए सती पोखरा पहुँचा, जहाँ श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
सभा में वक्ताओं ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है और इसे धर्म या जाति से जोड़ना देश की एकता को कमजोर करना है। नागरिकों ने सरकार से मांग की कि आतंकियों को संरक्षण देने वाले देश और भारत में मौजूद गद्दारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। वक्ताओं ने यह भी कहा कि देश को जात-पात से ऊपर उठकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना होगा।
इस मौके पर अंजना सिंह, ज्ञानेंद्र मिश्रा, संजीव राय, मनीष चौरसिया, नीतीश जायसवाल निक्कू, डबलू गुप्ता, शानू जायसवाल, विशाल रावत, मदन शर्मा, शशिकान्त रजक आदि लोग समेत बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ कोई भी साजिश अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कैंडल मार्च ने न सिर्फ शहीद श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि दी, बल्कि यह संदेश भी दिया कि देशवासी अब हर आतंकी हमले का जवाब एकता और संकल्प के साथ देंगे।