दशरथ जी पुत्र वियोग में हुए व्याकुल — अयोध्या में छाई राम जन्म की खुशियां


आज़मगढ़।

रिपोर्ट: अंजनी राय

लालगंज (आज़मगढ़)। स्थानीय विकास खंड क्षेत्र के बहादुरपुर गांव में बुधवार को रामलीला के दूसरे दिन का मंचन भावनाओं से भरा रहा। मंच पर वह मार्मिक क्षण जीवंत हुआ जब अयोध्या के महाराज दशरथ पुत्र वियोग में व्याकुल दिखाई दिए। वशिष्ठ जी के परामर्श पर महर्षि श्रृंगी ऋषि ने पुत्रेष्ठि यज्ञ कराया, जिसके फलस्वरूप महाराज दशरथ को चार पुत्रों का वरदान मिला।
जैसे ही भगवान श्रीराम का जन्म हुआ — “भय प्रगट कृपाला, दीन दयाला, कौसल्या हितकारी” की गूंज के साथ मंच और वातावरण भक्तिभाव से भर उठा। पूरे गांव में अयोध्या की झलक दिखने लगी, दर्शकों की आंखें श्रद्धा से नम हो गईं।
इसके बाद गुरु वशिष्ठ द्वारा नामकरण संस्कार का दृश्य प्रस्तुत किया गया। उधर, विश्वामित्र मुनि राक्षसों के अत्याचार से व्यथित होकर अयोध्या पहुंचे और राम-लक्ष्मण को अपने साथ ले गए। मंच पर राम और लक्ष्मण द्वारा ताड़का का वध, मारीच-सुबाहु से युद्ध और अहिल्या उद्धार का दृश्य देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध रह गए।
रामलीला में दशरथ की भूमिका अमित सिंह, वशिष्ठ की राहुल विश्वामित्र, राम की अमित शर्मा, लक्ष्मण की आशीष तिवारी, श्रृंगी ऋषि की कृष्णा शर्मा, मारीच की सप्पू तिवारी, सुबाहु की रितेश, सुमंत की राजन शर्मा, तथा मंत्री की भूमिका में सुरेंद्र राय ने भावपूर्ण अभिनय से सबका दिल जीत लिया।
संचालन विशाल तिवारी और राकेश राय (बड़े बाबू) ने किया। अंत में आयोजकों ने सभी पात्रों और दर्शकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “रामलीला केवल मंचन नहीं, हमारे संस्कारों का उत्सव है।”
इस बार मंचन में भक्ति, भाव और अभिनय का ऐसा संगम देखने को मिला कि हर आंख में भक्ति की नमी और हर हृदय में अयोध्या की धड़कन महसूस हुई।

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