प्रभारी मंन्त्री का स्कूल पर बेलगाम बयान।

सोनभद्र।

सोनभद्र से अजीत कुशवाहा की रिपोर्ट -

– समस्या आने पर हल निकालने का दिया बयान

– खनन क्षेत्र में स्कूल स्थापित होने का मामला

– डर-डर के स्कूल आने को मजबूर बच्चे

– खूब पढ़ो-खूब बढ़ों का नारा फेल 

सोनभद्र । सरकार में शामिल मंत्री अपनी जिम्मेदारी व अपने बयानों के प्रति कितने गंभीर हैं यह सोनभद्र दौरे पर आए जिले की प्रभारी व खनन राज्य मंत्री अर्चना पांडे के बयानों से साफ नजर आता है । सहारा समय ने मंगलवार को सोनभद्र के खनन इलाकों में स्थापित सरकारी स्कूल की खबर दिखाई थी । खबर में दिखाया गया था कि किस तरह खनन क्षेत्रों में बच्चे डर-डर कर स्कूल आने को मजबूर हैं और सरकार का ‘खूब पढ़ो खूब बढ़ो का नारा यहां कहीं नजर नहीं आ रहा है । वजह खनन क्षेत्र में ब्लास्टिंग की वजह से बच्चे ना तो पढ़ पा रहे हैं और न बढ़ पा रहे हैं। सुरक्षा को लेकर अध्यापक बच्चों के खाने-पीने से लेकर खेलने तक सारी व्यवस्थाएं कमरे में ही कर रखी है । इस खबर को दिखाए जाने के बाद शासन से लेकर प्रशासन से हड़कंप मच गया था । जिसके बाद सोनभद्र दौरे पर आई जिले की प्रभारी मंत्री ने इस पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी को जांच सौंपा और खनन क्षेत्र में मौजूद सभी स्कूलों की सूची तलब की। 
लेकिन जब मंत्री जी से यह पूछा गया कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए इस मामले में कब तक कार्यवाही होगी तो मंत्री जी का बेतुका बयान कैमरे में कैद हो गया । मंन्त्री महोदया का कहना है कि पहले समस्याएं आने दीजिए फिर उसका बैठ कर हल निकलेगा । यानी कुल मिलाकर मंत्री व सरकार नुमाइंदे इस उम्मीद पर बैठे हैं कि कोई हादसा हो तो फिर इस मामले का हल निकाला जाए । 

सरकार में शामिल मंत्री अपनी जिम्मेदारी व अपने बयानों के प्रति कितने गंभीर हैं यह सोनभद्र दौरे पर आए जिले की प्रभारी व खनन राज्य मंत्री अर्चना पांडे के बयानों से साफ नजर आता है । सहारा समय ने मंगलवार को सोनभद्र के खनन इलाकों में स्थापित सरकारी स्कूल की खबर दिखाई थी । खबर में दिखाया गया था कि किस तरह खनन क्षेत्रों में बच्चे डर-डर कर स्कूल आने को मजबूर हैं और सरकार का ‘खूब पढ़ो खूब बढ़ो का नारा यहां कहीं नजर नहीं आ रहा है। वजह खनन क्षेत्र में ब्लास्टिंग की वजह से बच्चे ना तो पढ़ पा रहे हैं और न बढ़ पा रहे हैं। सुरक्षा को लेकर अध्यापक बच्चों की खाने से लेकर खेलने तक सारी व्यवस्थाएं कमरे में ही कर रखी है । इस खबर को दिखाए जाने के बाद शासन से लेकर प्रशासन से हड़कंप मच गया था । जिसके बाद दौरे पर आई प्रभारी मंत्री ने इस पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी को जांच सौंपा और खनन क्षेत्र में मौजूद स्कूल की सूची तलब की।

लेकिन जब मंत्री जी से यह पूछा गया कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए इस मामले में कब तक कार्यवाही होगी तो मंत्री जी का बेतुका बयान कैमरे में कैद हो गया । मंन्त्री महोदया का कहना है कि पहले समस्याएं आने दीजिए फिर उसका बैठ कर हल निकलेगा । यानी कुल मिलाकर मंत्री व सरकार नुमाइंदे इस उम्मीद पर बैठे हैं कि कोई हादसा हो तो फिर इस मामले का हल निकाला जाए । 

मंत्री के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि सरकारी बयान हाथी के दांत के समान होते है जो सिर्फ दिखाने के लिए होते हैं । और सरकारी बयान के बाद दिए गए बयान ही असली होता है जो मंत्री व सरकार की सोच को दर्शाता है ।

रिपोर्ट-

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                         समाचार इंडिया लाइव
                             ब्यूरो सोनभद्र।

    

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