मऊ।
सरकारी खजाने को कहा कहा कैसे उपयोग करने है यहा के लोग बखूबी जानकारी रखते है ।सरकारी फरमान कुछ भी हो, होता अपने मन का ही इसका नजारा देखने को मिलता है ठैचा मे जहाँ शौचालय में गेट तक नही मिल सकता है ।लगभग सात लाख के लागत से बनने वाला आंगनबाड़ी केंद्र शौचालय विहीन तथा पीछे के दिवाल रंगाई के बीना पडी हुई है जिसके बारे मे जानकारी रखते हुए ब्लाक के सरकारी कर्मचारी भी मूकदर्शक बने है ।तो वही ब्लाक के पीपरसाथ मे भी कागज पर काम तो शायद बाहबाही खुब लुट रहा है किन्तु जमीनी धरातल पर काम देखने को यदि कोई चाहे तो सब पोल खुल जाएगी ।आप को बता दे कि खिल्ला भी इसी गांव का एक पुरवा है जिसके आधे गांव का निकास जिस रास्ते से है उस पर मिट्टी का काम कराने के लिए भी प्रधान को बजट नही मील पाया है ।जिसके वजह से गांव के ही लोग चार महीने पहले मिट्टी डाल कर आने जाने योग्य बनाया था ।किंतु पुनःबारिश के कारण गड्ढे हो गए है ।कई बार प्रधान से निवेदन भी हुआ कोई असर नही पड़ा ।जबकि मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा धन भी यही खर्च हुआ है।खासकर मनरेगा के ऐसी भी महिला मजदूर है जो देखने भी नही जाती की कहा काम हुआ। गांव के लोग यह शिकायत उच्च स्तरीय अधिकारी गण को भेजने की तैयारी मे है ।
रिपोर्ट - ए के यादव
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समाचार इंडिया लाइव
ब्यूरो मऊ