🚩 लौह पुरुष की विरासत पर निकली जनता की रैली — सगड़ी से मऊ तक जनसैलाब!


आज़मगढ़।

रिपोर्ट: वीर सिंह

🚩 लौह पुरुष की विरासत पर निकली जनता की रैली — सगड़ी से मऊ तक जनसैलाब!

सगड़ी में सरदार पटेल रथ यात्रा एवं जनहित संकल्प यात्रा का भव्य स्वागत 🚩

शोषितो दलितों पिछड़ों की आवाज है यह संकल्प यात्रा- डॉ आर एस पटेल

सरदार पटेल के सपनों का बनाएंगे भारत- विद्यासागर पटेल

सगड़ी (आज़मगढ़) - मंगलवार को सगड़ी क्षेत्र सरदार वल्लभभाई पटेल के जयघोष से गूंज उठा, जब सरदार पटेल रथ यात्रा एवं जनहित संकल्प यात्रा का लोगों ने अंजान शहीद स्थल पर गर्मजोशी से स्वागत किया। रथ पर सवार लौह पुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा पर श्रद्धालुओं ने पुष्प अर्पित कर नमन किया और यात्रा में शामिल होकर उत्साहपूर्ण नारों के साथ आगे बढ़े।

रथ यात्रा अंजान शहीद स्थल से आरंभ होकर चुनहवा, रामगढ़, मनिकाडीह, बनकटा, हरैया होते हुए खोजौली पहुँची। वहाँ शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद यात्रा बेलकुंडा, रोहुआ और लाटघाट होते हुए मऊ जिले की ओर रवाना हो गई। पूरे मार्ग में लोगों ने महापुरुषों और शहीदों की मूर्तियों पर पुष्पांजलि अर्पित की और यात्रा का स्वागत किया।

डॉ. आर.एस. पटेल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, सरदार सेना, ने बताया कि यह यात्रा पूरे उत्तर प्रदेश का भ्रमण कर रही है। इसकी शुरुआत 22 अक्टूबर को कानपुर देहात के गौरी करन गांव — समाजसेवी डॉ. रामस्वरूप वर्मा की कर्मभूमि — से हुई थी। 3 नवंबर को यह यात्रा बनारस से पुनः आरंभ हुई और अब 11 नवंबर को लखनऊ में अपने ऐतिहासिक समापन पर पहुँचेगी।
उन्होंने कहा, “यह यात्रा जनहित के संकल्प को सशक्त करने और प्रदेश में बढ़ते नव-सामंतवाद के विरोध में निकाली गई है, जो दलितों और पिछड़ों को हाशिये पर धकेल रहा है। लखनऊ में इस यात्रा का समापन उत्तर प्रदेश के सामाजिक इतिहास में नया अध्याय लिखेगा।”

💥 हजारों गाड़ियों का काफिला — विद्यासागर पटेल के नेतृत्व में जनशक्ति का प्रदर्शन!

सगड़ी में कार्यक्रम के संयोजक विद्यासागर पटेल के नेतृत्व में हजारों गाड़ियों का विशाल काफिला जनशक्ति का प्रतीक बन गया। पूरे क्षेत्र में यह संदेश गूंज उठा कि दलितों और पिछड़ों की आवाज अब कोई दबा नहीं सकता।
विद्यासागर पटेल ने कहा, “यह यात्रा सरदार पटेल के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के साथ ही शोषित, दलित और पिछड़े वर्गों के हक की आवाज है, हम सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाएंगे।
मंडल अध्यक्ष परमानन्द पटेल ने कहा- सगड़ी ने दिखा दिया कि जब समाज संगठित होता है, तो अपने अधिकार खुद हासिल कर सकता है। यह लड़ाई हक और सम्मान की है।” 
संदीप पटेल ने कहा कि- “सरदार पटेल सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि भारत की एकता के प्रतीक हैं। आज यह रथ यात्रा उसी एकता, समानता और जनहित के संकल्प को लेकर निकली है। जब-जब देश टूटने की स्थिति में आया, सरदार पटेल की विचारधारा ने हमें जोड़ा है। आज सगड़ी की जनता उसी लौह संकल्प को दोहरा रही है।”
वहीं जिलाध्यक्ष विजयी पटेल ने कहा कि- “यह यात्रा सिर्फ सरदार पटेल की याद नहीं, बल्कि शोषित, वंचित और पिछड़ों के हक़ की आवाज़ है। जब जनता जागती है, तब परिवर्तन होता है। सगड़ी की यह गूंज बता रही है कि अब हक़ की लड़ाई कोई नहीं रोक सकता।”
रथ के आगे सरदार पटेल की प्रतिमा, पीछे सजे वाहनों का सैलाब और बीच में गूंजते नारे — “सरदार पटेल अमर रहें”, “जनहित का संकल्प, जनता का हक” — पूरे सगड़ी को देशभक्ति के रंग में रंगते रहे।
इस अवसर पर हरेंद्र पटेल (महासचिव), सूरज कुमार (प्रधान), प्रभुनाथ पटेल, जगदीश पटेल, राम सिंह मास्टर, सतीश पटेल, लल्लन पटेल, राजेश यादव, नीरज पटेल, सूरज पटेल, शेषनाथ पटेल, शिवम पटेल, प्रमोद पटेल, सुधीर पटेल, शिव कुमार यादव और रोशन यादव सहित सरदार सेना इकाई आजमगढ़ के हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
रैली आगे बढ़ती रही — जोश, जनशक्ति और जनहित के संकल्प के साथ — और यह संदेश देती रही कि लौह पुरुष का विचार आज भी जनता के दिलों में जीवित है।

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