आजमगढ़। विकास खंड हरैया के पिहार गौशाला में गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की संयुक्त गौरक्षा टीम ने ऐसा नज़ारा देखा जिसने सभी को झकझोर दिया। गायों की सेवा के नाम पर चल रही यह गौशाला, हकीकत में मवेशियों की मौत और उपेक्षा की दर्दनाक कहानी बयां कर रही थी। टीम ने पाया कि यहां गायें बीमार पड़ी थीं, कई मर चुकी थीं, और बाकी भूख-प्यास से तड़प रही थीं। चारों ओर गंदगी का अंबार था।
निरीक्षण दल में जिला गोरक्षा प्रमुख लालकृष्ण दुबे, जिला मंत्री अभिषेक सिंह उधम, प्रांत गोरक्षा प्रमुख अंशुमान राय, सह संयोजक बजरंग दल आलोक सिंह, प्रखंड मंत्री शुभम सिंह, हरैया के प्रखंड मंत्री सूर्यभान पटेल, विश्व हिंदू परिषद प्रखंड अध्यक्ष अंशु गुप्ता, विजय कुमार शर्मा समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे।
गौरक्षा दल ने जब परिसर का निरीक्षण किया तो न दृश्य सहा गया, न गंध —
बीमार गायें बिना इलाज के पड़ी थीं,
मरे हुए पशुओं के अवशेष सड़ रहे थे,
और पानी-चारे की कोई व्यवस्था नहीं थी।
जिला गोरक्षा प्रमुख लालकृष्ण दुबे ने कहा —
"यह गौशाला नहीं, गौवंश के लिए त्रासदी स्थल है। जिस तरह गायों की उपेक्षा की जा रही है, यह किसी सभ्य समाज के लिए कलंक है। 'गौशाला कम, कब्रिस्तान अधिक' वाली स्थिति यहां की सच्चाई बन चुकी है।"
उन्होंने चेतावनी दी कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल इस अमानवीय लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
प्रमुख आरोप:
- गौशाला में गंदगी और अस्वच्छता का आलम
- गायों के लिए पानी और चारे की किल्लत
- बीमार गायों का इलाज नहीं
- मृत मवेशियों के शव पड़े मिले
- सरकारी अनुदानों के दुरुपयोग का संदेह
मांगें और चेतावनी 📢
निरीक्षण टीम ने प्रशासन से मांग की है कि पिहार गौशाला के कुप्रबंधन की उच्च स्तरीय जांच की जाए।
दोषी प्रबंधन और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
गौशाला में स्वच्छता, भोजन और पशु चिकित्सा सेवाओं को युद्धस्तर पर बहाल किया जाए।
संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो गौवंश के सम्मान और सुरक्षा के लिए बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
यह मामला अब सिर्फ एक गौशाला का नहीं रहा — यह सवाल है उस संवेदना का, जो “गाय माता” के नाम पर तो बहाई जाती है, पर जमीनी हकीकत में कहीं खो जाती है।