सगड़ी महोत्सव में कवि सम्मेलन व मुशायरे में स्थानीय कलाकारों ने बांधा समां।

मनोज चतुर्वेदी ब्यूरो प्रभारी सगड़ी आजमगढ़।

आज़मगढ़।

मोहब्बत की वफा की प्यार की बलिदान की धरती ये हिंदुस्तान की पर झूमे श्रोता।

वंदनीय विश्व का जगत हुआ मुरीद है , पूजता अमरत्व जिसको नाम वह शहीद है।

सत्य का आवरण नहीं होता , वक्त का आचरण नहीं होता आंखों ने बताया आंखों को दर्द का व्याकरण नहीं होता ।

सगड़ी। 
सगड़ी महोत्सव में देर रात तक स्थानी कलाकारों ने लोकगीत व नृत्य प्रस्तुत कर जहां मन मोहा वही महोत्सव के दौरान कवि सम्मेलन व मुशायरे का स्थानीय कवियों ने प्रतिभाग कर एक से बढ़कर एक कविता व मुशायरे का पाठ किया जिसमें आनंद से झूम उठे लोग। जिसमें सरस्वती वंदना के पाठ से कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया गया वही मैकश आजमी ने मोहब्बत की वफा की प्यार की बलिदान की अपने अगली प्रस्तुति में उन्होंने कितने जख्म सहते कितना गम छुपाते हैं तब कहीं पर एक पल को लोग मुस्कुराते हैं। पर झूमने को मजबूर किया वही रत्नेश राय ने वंदनीय विश्व का जगत हुआ मुरीद है पूजता अमरत्व जिसको नाम वह शहीद है।
और डॉक्टर ईश्वर चंद त्रिपाठी ने सत्य पर आवरण नहीं होता वक्त का आचरण नहीं होता आंखों ने बताया होता प्रस्तुत कर लोगों को वाह-वाह करने को मजबूर कर दिया।
अदनान अख्तर ने रोशनी मेरी बिखरती है जहां के वास्ते प्रस्तुत कर दर्शकों को ताली बजाने पर मजबूर किया वही डॉ प्रतिभा सिंह ने बन के हवा का झोंका निकल जाएगा वक्त हाथों से यूं ही फिसल जाएगा  मुशायरा सुना कर लोगों को मंत्रमुग्ध किया। अध्यक्षता हिना देसाई ने की तो संचालन मुख्तार मासूम ने किया
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद प्रोफेसर डॉक्टर अमरीक सिंह व उपजिलाधिकारी सगड़ी रावेंद्र सिंह के द्वारा स्थानीय कवियों को अंगवस्त्रम व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। वही मुख्य रूप से तहसीलदार  हेमंत कुमार गुप्ता, नायब तहसीलदार मयंक मिश्रा, प्रबंधक मिर्जा आरिफ बेग,मिर्जा अराफात बेग, असद बेग, डॉ सर्वेंद्र बहादुर सिंह सहित सैकड़ों लोग देर रात तक जमे रहे।
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