शुक्रिया तेरा खाक-ए-आजमगढ़, हम यहीं खेल कर बढ़े हुए है-शकील आजमी

आज़मगढ़।

रिपोर्ट: शैलेंद्र शर्मा

आजमगढ़। हां वहीं लोग बड़े हुए है, अपने पैरों पर जो खड़े हुए है, शुक्रिया तेरा खाक-ए-आजमगढ़, हम यहीं खेल कर बढ़े हुए है, जैसे ही इन पंक्तियों को प्रख्यात शायर शकील आजमी ने श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया तालियों की गूंज ने पूरी महफिल में रंग जमा दिया। इसके बाद एक से बढ़कर एक गंजलों का दौर शुरू हो गया। मंगलवार को शहर के अग्रवाल धर्मशाला में प्रयास सामाजिक संगठन के बैनर तले आयोजित रूबरू कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जनपद निवासी प्रख्यात लेखक, शायर शकील आजमी मौजूद रहे। मुख्य अतिथि श्री आजमी का स्वागत प्रयास अध्यक्ष रणजीत सिंह व आशीष गोयल द्वारा माल्यार्पण कर किया गया।
मंच की कमान जैसे ही प्रख्यात शायर शकील आजमी को मिली तो शायर आजमी ने  गजलों की छडी लगा दिया। श्री आजमी ने इतनी खुशियां कहां से लाते हो, जब भी मिलते हो मुस्कुराते..., परों को खोल जमाना उड़ान देखता है, जमी पर बैठकर क्या आसमान देखता है...,  खुद को इतना भी मत बचाया कर, बारिशें हो तो भींग जाया कर, चांद लाकर कोई नहीं देगा, अपने चेहरे से जगमगाया कर... आदि के जरिये लोगों का दिल जीत लिया। प्रख्यात शायर श्री आजमी ने कहा कि- शुक्रिया तेरा खाक-ए-आजमगढ़, आजमगढ़ मेरी जन्मभूमि रही है, मै यहीं पला, बड़ा हुआ, मुझ इसी मिट्टी पर खड़ा होने में आज गर्व हो रहा है कि मुझसे रूबरू होने के लिए भारी संख्या में लोग जुटे है, मैं शुक्रगुजार हूं प्रयास सामाजिक संगठन का जिसने कम समय में ही मुकम्मल व्यवस्था कर मुझे आप लोगों के दिलों से जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि जब भी मन हो जहां भी मेरी जरूरत हो वहां मैं जनपद के लिए सदैव उपलब्ध रहने का वादा करता हूं। मेरा ताल्लुक जनपद की माटी से है और आज वक्त आ गया है कि इस ताल्लुक को और भी गहराई से सिंचने का।
इसके बाद जनपद का मान बढ़ाने वाली कवित्री सोनी पांडेय ने भी कई कविताओं के माध्यम से महफिल को गुलजार बनाया। जिसमे आजमगढ़ इश्क और इंकलाब की धरती है जहां के शायरों ने इसे सिद्ध किया है, कैफी आजमी से शकील आजमी तक उसी सिलसिले का नाम है। आशा सिंह ने रंग कांटो का अनायास न निखरा होगा, जिस्म फूलों का टूट कर बिखरा होगा प्रस्तुत किया। शायर मैयकश आजमी ने कभी आंसुओं को छिपाना पड़ा है, कभी बेबस मुस्कुराना पड़ा है प्रस्तुत किया। शहर के बीचों बीच रूबरू कार्यक्रम जैसे ही बढ़ता चला गया वैसे वैसे लोगों की आमद औरउनकी तालियों से पूरा समां गुलजार हो गया।
आंगुतकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आयोजक प्रयास सामाजिक सगठन के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने कहा कि वंचितों, जरूरतमंदों की सेवा में निरंतर सेवारत् है, आजमगढ़ की माटी से जुड़े शकील आजमी ने प्रयास के प्रोडक्ट को लांच कर अपनी नेक नियती का परिचय दिया है और नेकियों के सिलसिले को जारी रखने का हौसला अफजाई किया, जिससे सभी प्रयास साथियों का उत्साह बढ़ गया है।
अध्यक्षता रणजीत सिंह व संचालन कवित्री सोनी पांडेय ने किया।
इस अवसर पर आशीष गोयल, नवनीत गुप्ता, धर्मेन्द्र सैनी, रतन गुप्ता, पंकज वर्मा, एसके दत्ता, आरसी चौहान, डा आशा सिंह, संवेदना प्रकाश, राणा बलबीर सिंह, अंगद साहनी, शम्भू दयाल सोनकर, डा हरगोविन्द विश्वकर्मा, विवेक पांडेय, अतुल श्रीवास्तव, प्रेमानन्द पटेल, अरविन्द यादव, साद आजमी आदि मौजूद रहे।

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