बारिश में रख दू ज़िन्दगी के पन्ने जिससे धूल जाए स्याही !!

कविता।

बारिश में रख दू  ज़िन्दगी के पन्ने जिससे धूल जाए स्याही !!
 ऐ ज़िन्दगी अब फिर से लिखने को दिल चाहता है..!!

कोरे कागज सी बन गयी जिंदगी !!!
इस पर जिंदगी सजाने को दिल चाहता है !!

भुला के गम और दर्द की यादें !!
फिर से मुसकुराने को दिल चाहता है !!

 खुशियों की कलम में स्याही जज्बात की !!
कोरे कागज पर रंग भरने को दिल चाहता है !!

पंख लगा कर उड़ जाऊ !!
एक बार फिर जीने को दिल चाहता है !!

बादल से बारिश की बूंदों को चुरा लू  !!
अपने मुठ्ठी में कैद करने को दिल चाहता है !!

चाँद सितारो से कर लू यारी !!
संग संग झिलमिलने को दिल चाहता है !!

पंछी बन कर उड़ जाऊ !!
मोरनी बन कर नृत्य करने को दिल चाहता है !!

रंग बिरंगी तितलियों से सजा लू मांग अपनी !!
इठलाने इतराने को दिल चाहता है !!

खुशियों से रिस्ता जोड़ कर !!
फिर से मुसकुराने को दिल चाहता है !!

ये दुनिया नयी नयी सी लग रही !!
इससे दिल लगाने को दिल चाहता है !!

लेखिका 
मीना सिंह राठौर 
नोएडा उत्तर प्रदेश

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