लेवे दिहै मोहे जनम हो बेटी होली नाही बेटवा से कम हो- प्रोफेसर अखिलेश चन्द्र


आज़मगढ़।

रिपोर्ट: वीर सिंह

आज़मगढ़: "प्रभास' साहित्यिक/सांस्कृतिक संस्थान, आजमगढ़ उ० प्र० के तत्वावधान में 03 दिसम्बर 2023 रविवार की शाम को कम्पोजिट विद्यालय तेजपुर बिलरियागंज आजमगढ़ में "छात्रों में हिंदी साहित्य की जागरूकता एवं कवि सम्मेलन" का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम की अध्यक्ष जनपद की वरिष्ठ साहित्यकार प्रोफ़ेसर गीता सिंह"शिक्षक श्री"डी ए वी पी जी कॉलेज द्वारा दीप प्रज्वलन एवं माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ। तत्पश्चात कवयित्री अनीता राज ने माँ सरस्वती वन्दना 'चरन कमल वन्दन हे जननी' प्रस्तुत की। विद्यालय की छात्राओं गरिमा, नैना, नीतू द्वारा स्वागत गीत स्वागतम् स्वागतम्, शुभ स्वागतम् प्रस्तुत किया गया । कक्षा 8 की किरन ने अपनी रचना "माँ की ममता, माँ का प्यार, माँ के बिना सूना संसार" सुनाया । कक्षा 8 की स्नेहलता ने "सुनो सुनो हे तितली रानी, कहाँ से पाई रूप लुभानी" सुनाया । कानपुर से पधारे कवि महेंद्र विश्वकर्मा ने अपने श्रृंगारिक छंदो से सबका मन मोह लिया । जनपद की शायरा मलका परवीन ने अपनी गजल "जहां कहीं भी महकती हुई फजाऐं मिलीं, तवाफ करती बहारों की अप्सराऐं मिलीं" प्रस्तुत कर शमा बाँध दिया। प्रभास महासचिव गीतकार जय हिन्द सिंह 'हिन्द' ने "बात मन की सुनाने का क्या फायदा, हाल अपना बताने का क्या फायदा देखकर तुमको जो अपना मुँह फेर ले, उससे दिल को लगाने का क्या फायदा" के द्वारा श्रोताओं की वाहवाही लूटी। मऊ से आए कवि शिव कुमार प्रियदर्शी ने "हे किसान तोहरी कीर्ति के अईसन बा प्रभुताई , राजभवन अनुहार झोपड़िया का केहू गुणगाई | प्रभास संस्थाध्यक्ष महेन्द्र मृदुल ने अपनी रचना " प्रीत  में  शर्त  कोई  लगाते   नहीं, गर्दिशों में कभी आजमाते नहीं" सुनाया । मऊ से पधारे कवि जितेन्द्र मिश्र 'काका' ने गीत "नाम पर मजहब के इतने दर बटे हैं, और  रक्षा  के  लिए  खंजर  पटे हैं" सुनाकर श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया । बलिया से आई कवयित्री प्रतिभा यादव ने अपनी रचना सुनाया । कोषाध्यक्ष रोहित राही ने अपनी रचना से सामाजिक बुराई मिटाने की बात कही । कार्यक्रम संचालक प्रो० अखिलेश चन्द्र ने भोजपुरी में मार्मिक रचना "लेवे दिहै मोहे जनम हो, बेटी होलीं नाहीं बेटवा से कम हो" के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या रोकने की बात कही। कार्यक्रम में शर्वेश मौर्य चित्रकार ने जय हिन्द सिंह महासचिव प्रभास का चित्र बनाकर मंच के माध्यम से उन्हें देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर आजमगढ़ से निकलने वाली अंतर राष्ट्रीय शोध अर्द्धवार्षिक जर्नल अखिल गीत शोध दृष्टि का अंक 20 का जोरदार लोकार्पण भी किया गया। ज्ञातव्य है कि इस शोध  जर्नल की संपादक प्रोफेसर गीता सिंह हैं और इसके प्रधान संपादक प्रोफेसर अखिलेश चन्द्र हैं। कवि सम्मेलन की अध्यक्ष प्रो० गीता सिंह "शिक्षक श्री"ने अपने गीत पीड़ा जो आज मिली है,आलिंगन उसका कर लो,कर पीड़ा को ही वंदन , मानस मदिरा से भर लो सुनाकर कार्यक्रम को ऊंचाई प्रदान की। भोजपुरी के सशक्त व्यंग्यकार बालेदीन यादव बेसहारा ने अपनी रचना "घर के अन्दर क रिश्ता फुटही क थाप हो गइल, मंगरू कहलै हम ना जनली ई कुल अपनें आप हो गइल" से पारिवारिक पतन पर करारा प्रहार किया । अनुष्का, शौर्या मौर्य, राम बचन यादव,अमिताभ बागी आदि कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओं से कवि सम्मेलन को ऊंचाई दी। कार्यक्रम व्यवस्थापक तेन्दुआ तेजपुर के ग्राम प्रधान राम प्यारे यादव का माल्यार्पण,अंगवस्त्रम और  सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया । प्रधानाध्यापक रविन्द्र नाथ सिंह, केदार नाथ वर्मा, राम दुलारे मौर्य, विनोद पटेल, हिमांशु मिश्र, डाॅ0 हरिकेष मिश्र, डाॅ0 रामानन्द, राजेश राय, मंगलदेव द्विवेदी, जगदीश सिंह, रवि यादव, अभिनव चौहान, विनीता सिंह, रवि प्रकाश सिंह, अच्छे लाल यादव, शकील अहमद, पंकज राय, मनोज मौर्य, राम प्रताप मौर्य, सेक्रेटरी अभय नाथ राय, गिरीश सिंह, हरिनारायण यादव, संतोष, अनिल यादव आदि श्रोता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो० अखिलेश चन्द्र शिक्षा संकाय श्री गांधी पी जी कॉलेज मालटारी आजमगढ़ ने किया ।

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