आज़मगढ़।
रिपोर्ट: वीर सिंह
अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम आजमगढ़ भारत कार्यक्रम का 26 एवम 27 सितंबर 2024 को होगा हरिऔध कला भवन में आयोजन: संयोजक:अरविंद चित्रांश
आजमगढ़ : 26 से 27 सितंबर 2024 को भारतीय लोक संस्कृति एवं भोजपुरी भाषा, साहित्य, कला संस्कृति के सर्वांगीण विकास हेतु-
राष्ट्रीय कला सेवा संस्थान आजमगढ़ द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत के अंतरराष्ट्रीय संयोजक अरविंद चित्रांश ने प्रोफेसर गीता सिंह "शिक्षक श्री" अध्यक्ष स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग डी ए वी पी जी कॉलेज आजमगढ़ की अध्यक्षता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कार्यक्रम संयोजक श्री अरविंद चित्रांश ने कहा कि यह कार्यक्रम आजमगढ़ के साथ भारत का गौरव है।इस कार्यक्रम में ट्रिनिडाड और टोबैगो,नेपाल,मॉरिशस,अमेरिका,
चीन,रसिया, फीजी,कोलंबो श्रीलंका,दुबई और भारत से विभिन्न राज्यों से विद्वान और साहित्यकार आ रहे हैं।इस संबंध में एक पुस्तक "गौरवशाली भारत" का लोकार्पण भी होना है ।इस पुस्तक हेतु शुभकामना प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी, महामहिम राज्यपाल आनंदी पटेल पहले से ही भेज चुके है।
प्रोफेसर अखिलेश चन्द्र साहित्यकार,गीतकार शिक्षा संकाय श्री गांधी पी जी कॉलेज मालटारी,आजमगढ़ (आयोजन समिति सदस्य)ने कहा कि यह कार्यक्रम आजमगढ़ के लिए गौरव का विषय है जिसमे देश,विदेश से विद्वान आ रहे हैं। इस कार्यक्रम में दो अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 1. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में भोजपुरी भाषा, साहित्य और कला 2. भारतीय लोक संस्कृति: दशा एवं दिशा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें विषय पर गहरी चर्चा-
परिचर्चा होगी। इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहे विभिन्न विद्वानों का अलंकरण एवं सम्मान- समारोह भी आयोजित होगा इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण "अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी कवि सम्मेलन 2024" होगा जिसमें देश-विदेश के भोजपुरी रचनाकार अपनी रचनाओं से मंच को सुशोभित करेंगे ।
प्रेस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता कर रही प्रोफ़ेसर गीता सिंह' शिक्षक श्री' ने कहा कि इस कार्यक्रम में हमें जनपद के सभी प्रतिनिधियों का ,मीडिया के सभी साथियों का भरपूर सहयोग और समर्थन मिल रहा है। यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह मंच 2002 से कर रहा है और 2024 में आप सभी के बीच एक बार पुनः लेकर उपस्थित हुआ है।
आज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भोजपुरी साहित्य में अश्लीलता को बढ़ावा मिल रहा है जो चिंता का विषय है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम यह संदेश देना चाहते हैं कि भोजपुरी भाषा की मिठास और इसमें छिपे अपनापन में श्लील साहित्य का अपना एक अलग मुकाम है और हमें भोजपुरी को अश्लीलता से बचाते हुए श्लील साहित्य की तरफ चलना होगा। इस कार्यक्रम में अरविंद चित्रांश द्वारा रचित संस्कार गीतों का नाटक ' बिटिया की विदाई ' का भी मंचन होना है जिसकी लगातार तैयारी चल रही है। इस कार्यक्रम में आने के लिए देश-विदेश से लोगों के फोन कॉल, व्हाट्सएप कॉल आ रहे हैं जिससे हम सभी आयोजन समिति से जुड़े पदाधिकारीगण, संरक्षकगण गर्व महसूस कर रहे हैं। कार्यक्रम में जय हिंद सिंह हिंद, सोहनलाल गुप्ता, वीरेंद्र भारती, आशीष कश्यप मुंबई, राजेश रंजन, सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, शिखा पांडे और उनकी पूरी टीम के साथ-साथ नाटक ' बिटिया की विदाई' के सभी साथी कलाकार उत्साहपूर्वक शामिल रहे।