आजमगढ़: शिक्षा क्रांति की दिशा में आजमगढ़ के जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार द्वितीय ने एक नया अध्याय जोड़ दिया है। मिर्जापुर ब्लॉक के ग्राम असगरा मुस्तफाबाद में 10 एकड़ भूमि पर मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालय बनने जा रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 4 करोड़ रुपये है। बेसिक शिक्षा विभाग ने जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है, और निर्माण प्रक्रिया को पूरी रफ्तार दी जा रही है।
यह मॉडल स्कूल आजमगढ़ के ग्रामीण अंचल का पहला ऐसा संस्थान होगा, जहां प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक के 1500 बच्चों को मुफ्त, तकनीकी, डिजिटल और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। यहां बनेंगी 30 स्मार्ट क्लासरूम, जिनमें डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म से बच्चे पढ़ाई करेंगे। साइंस लैब, कंप्यूटर लैब, डिजिटल लाइब्रेरी, रोबोटिक्स ट्रेनिंग, लैंग्वेज और गणित लैब जैसे अत्याधुनिक संसाधन बच्चों की प्रतिभा को नए पंख देंगे।
खेल का मैदान, मल्टीपरपज हॉल, मॉड्यूलर किचन और डाइनिंग हॉल जैसी सुविधाएं बच्चों को सर्वांगीण विकास का अवसर देंगी। सुरक्षा के लिए स्कूल परिसर सीसीटीवी कैमरों से लैस होगा।
जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार द्वितीय ने बताया कि यह मॉडल स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। इस स्कूल के माध्यम से गांव के बच्चों को बड़े शहरों जैसी सुविधाएं मिलेंगी और उनका आत्मविश्वास नए आयाम छूएगा।
निर्माण कार्य की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपी गई है। असगरा मुस्तफाबाद गांव आने वाले समय में शिक्षा की नई पहचान बनेगा, और यहां से निकलने वाले छात्र-छात्राएं जिले और प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। यह पहल एक उम्मीद की किरण है, जो ग्रामीण शिक्षा की तस्वीर को पूरी तरह बदल देगी!