मंथरा की चाल से राम को 14 वर्षों का वनवास, कैकेई ने मांगे दो वरदान


आज़मगढ़।

रिपोर्ट: अंजनी राय

लालगंज, आजमगढ़ – आदर्श युवा रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला के चौथे दिन शुक्रवार को मंचन में कैकेई और दशरथ का संवाद दर्शकों के सामने आया। मंचन में कैकेई ने अपने दो वरदान मांगे – पहला, भरत को राजगद्दी और दूसरा, राम को 14 वर्षों का वनवास।
इस निर्णय से अयोध्या में हलचल मच गई और लोग राम के साथ वन जाने को तैयार हो गए। लेकिन राम ने सभी को समझाकर वापस भेजा और सुरसर नदी के पास पहुंचे। वहां उन्होंने केवट से विनम्रता से आग्रह किया। केवट ने उन्हें अपनी नौका में बिठाकर गंगा के उस पार पहुँचाया।
मंचन में मुख्य पात्र इस प्रकार थे: दशरथ – अमित सिंह, कैकेई – रमेश यादव, कौशल्या – अंशु शर्मा, सुमित्रा – रमन राय, सुमंत – विशाल यादव, मंथरा – शंकर यादव, राम – आशीष तिवारी, लक्ष्मण – कृष्ण शर्मा, वशिष्ठ – मनीष यादव, केवट – शंकर, मंत्री – सुरेंद्र राय, व्यास – विजई राय। मंच का संचालन विशाल ने किया।

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