आज़मगढ़।
रिपोर्ट: वीर सिंह
आजमगढ़: लोग कहते हैं कि इंसानियत आज भी जिंदा है अगर इंसानियत ना रहे तो यह संसार चलना मुश्किल है यह कहावत आज चरितार्थ हुई है अजमतगढ़ बाजार में कंधरापुर थाना अंतर्गत लेढू पार गांव के रहने वाले अरुण कुमार पुत्र दयाराम इसी महीने की 6 तारीख को दिन में अपने घर से अपने रिश्तेदारी कंजरा मोड़ जाने के समय अजमतगढ़ बाजार में मुन्ना हलवाई की दुकान से मीठा लेकर गए वापस बिलरियागंज तक गए और वहां जाकर जब अपना पॉकेट चेक किया तो पर्स गायब था गिरे हुए पर्स को खोजने के लिए बिलरीया गंज से कंजरा मोड़ तक आए लेकिन कहीं पर नहीं मिला थक हार कर घर जाकर बैठ गए आज जब उनके पर्स को अजमतगढ़ बाजार में गिरे होने की सूचना दुकानदार मुन्ना हलवाई के द्वारा दिया गया तो उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा अरुण कुमार अपने पिता दयाराम के साथ अजमतगढ़ स्थित मुन्ना हलवाई की दुकान पर पहुंचकर अपना पर्स देखा जिसमें ₹5010 उसके बताने के अनुसार उसके पैसे निकला पर पाते ही उसके आंखों से आंसू आ गए और मुन्ना हलवाई की मानवता की मिसाल के कायल हो गए। मुन्ना हलवाई जब पर्स पाए तो उस समय उस पर इसमें पैसे के अलावा 1 पर्ची मिली थी जिसमें स्टील फर्नीचर के दुकान का बिल था और उस बिल में दया राम के नाम से पर्ची कटी थी दरअसल दयाराम की लड़की की शादी 13 मई को होनी है। उसी में सामान बुकिंग के समय वह पर्ची बनी थी और वह पर्ची पर्स में थी मुन्ना हलवाई ने फोन करके उस दुकान पर ही बताया कि दयाराम को फोन कर बता दीजिए कि उनका कुछ सामान हमारे पास अजमतगढ़ में पड़ा हुआ है मेरा मोबाइल नंबर दे दीजिए वह बात कर लेंगे फिर दुकानदार ने मुन्ना हलवाई का नंबर दयाराम को दिया जिससे बात करके वे लोग आज शाम 4:30 बजे अजमतगढ़ बाजार में मुन्ना हलवाई की दुकान पर आकर अपना पर्स वापस लिए और मुन्ना हलवाई को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हुए वापस गए इस बात की चर्चा जैसे ही बाजार में फैली लोग मुन्ना हलवाई की प्रशंसा करते पाए गए।