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रामलीला का मंचन हमें राम के आदर्शों पर चलने के लिए करता है प्रेरित।


आज़मगढ़।

रिपोर्ट: वीर सिंह

आज़मगढ़: सगड़ी तहसील क्षेत्र के श्री रामलीला समिति महा महोत्सव अठनारू इसरहा छोटी सरयू दुगनी पुल पर हो रही ऐतिहासिक रामलीला का मंचन लोगों को भाव विभोर कर दिया।
 वर्षों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए यहां के लोग आज भी उसी उत्साह में से रामलीला का मंचन करते हैं। आज अहिरावण वध, रावण वध, और माँ भवानी का मंचन किया गया। मित्र रावण के आग्रह पर अहिरावण राम व लक्ष्मण का हरण कर चामुंडा देवी की बलि चढ़ाने के लिए पाताल में लेकर जाते है। मकरध्वज उनकी पहरेदारी करता है। हनुमान जी पाताल लोक से राम और लक्ष्मण को छुड़ाते है इसके बाद राम-रावण का युद्ध होता है। विभीषण के कहने पर श्रीराम नाभि में बाण मारकर रावण का वध करते हैं यह मंचन देख रामलीला प्रांगण जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा।
इस दौरान समापन कर्ता के रूप में पहुंचे भारत परिषद प्रदेश महासचिव बेचू यादव ने कहा कि- रामलीला का दृश्य देखकर लोग राम राज्य की परिकल्पना करते हैं लेकिन वास्तविकता तो यह है कि जिस दिन गांव सरकार लागू हो जाएगा वास्तव में गांव में लोग राम राज्य की अनुभूति करेंगे।
रामलीला आयोजक आलोक कुमार सिंह ने कहा कि- वर्षों से आयोजित हो रही इस रामलीला का आयोजन श्रीराम के आदर्शों पर चलने के लिए हमें प्रेरित करता है। उन्होंने रामलीला को सफल बनाने के लिए क्षेत्रवासियों से सहयोग की अपील भी की।

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