प्रोफेसर की "लेवे दिहे मोहे जनम हो" के गीत ने खूब बटोरी तालियां।


आज़मगढ़।

रिपोर्ट: वीर सिंह

आज़मगढ़: अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम आजमगढ़ भारत का सफल आयोजन हरिऔध कला भवन में दिनांक 26 एवम 27 सितंबर 2024 को आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम की अंतिम निशा अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन के नाम रही। जिसकी अध्यक्षता प्रोफेसर गीता सिंह शिक्षक श्री अध्यक्ष स्नातकोत्तर हिंदी विभाग डी ए वी पी जी कॉलेज आजमगढ़ ने की। कार्यक्रम में नेपाल,ट्रिनिडाड और टोबैको,मॉरीशस, अंड मान निकोबार द्वीपसमूह के साथ जनपद आजमगढ़ के कवियों ने हिस्सा लिया।इस कार्यक्रम में आजमगढ़ के भोजपुरी गीतों के राजकुमार कवि शिरोमणि प्रोफेसर अखिलेश चन्द्र शिक्षा संकाय श्री गांधी पी जी कॉलेज मालटारी की प्रस्तुति लेवे दिहे मोहे जनम हो के दौरान पूरा हाल तालियों से गूंजता रहा। आपके इस गीत की गूंज देश विदेश तक प्रसंशा पा रही है। इस गीत की बधाई का तांता लगा हुआ है। फेसबुक,व्हाट्स एप पर लोग इस गीत को अपने लोगों में शेयर कर रहें हैं। ध्यातव्य है कि प्रोफेसर अखिलेश चन्द्र जनपद आजमगढ़ के एक लब्ध प्रतिष्ठित कहानीकार,गीतकार,समीक्षक,कवि,प्रधान संपादक: अखिल गीत शोध दृष्टि (अंतरराष्ट्रीय शोध अर्द्ध वार्षिक जर्नल/ पत्रिका ,07 पुस्तक और लगभग 65 शोध पत्रों के साथ 15 पुस्तकों में अध्याय के भी लेखक हैं। आपने विभिन्न विश्व विद्यालयों और महाविधलायो में अपने शोध पत्रों को विशेष आमंत्रित वक्ता के रूप में पढ़ा है।आप निधि शैक्षिक और शोध संस्थान आजमगढ़ के विगत 14 वर्षों से कार्यकारिणी के सदस्य हैं।आपका लिखा कहानी संग्रह 'अनकही' की एक विशेष कहानी ' हंसुली ' का नाट्य रूपांतरण करके श्री राज कुमार शाह अभिनेता और निर्देशक ने अब तक 24 बार नाट्य मंचन किया है।

और नया पुराने