IGRS पोर्टल पर फर्जी निस्तारण का खेल, जनता परेशान।


आज़मगढ़।

रिपोर्ट: वीर सिंह

आजमगढ़: सगड़ी तहसील में IGRS पोर्टल को 'समाधान एक्सप्रेस' बताया जा रहा है, मगर हकीकत में यह 'लूट एक्सप्रेस' बन चुका है। अज़मतगढ़ ब्लॉक के बेरमा गांव में जितेंद्र यादव ने अपनी बेटी अदिति का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन किया। SDM से आदेश मिलने के बाद आवेदन ADO पंचायत अज़मतगढ़ को सौंपा गया। उन्होंने दस्तखत कर दिए, लेकिन जितेंद्र यादव का आरोप है कि सचिव व उसके सहयोगी ने रिपोर्ट लगाने के लिए रिश्वत मांगी।

फर्जी निस्तारण से अधिकारी लूट रहे वाहवाही

रिश्वत न देने पर महीनों तक दौड़ाया गया। शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं हुई। जितेंद्र ने तीन बार IGRS पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई (संख्या: 40019124042157, 40019124043719, 40019124045589), लेकिन हर बार शिकायत को फर्जी रिपोर्ट लगाकर निस्तारित दिखा दिया गया।

सरकारी आंकड़ों में 'टॉप', लेकिन असलियत में भ्रष्टाचार

सगड़ी तहसील को IGRS पोर्टल पर सबसे तेज निस्तारण का पुरस्कार मिला है, लेकिन असल में सिर्फ आंकड़े सुधारने का खेल चल रहा है। योगी सरकार भले ही 'जीरो टॉलरेंस' नीति का दावा करे, लेकिन सगड़ी तहसील में जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही।

क्या सरकार इस खेल से अनजान?

फर्जी निस्तारण से अफसर वाहवाही लूट रहे हैं और जनता न्याय के लिए भटक रही है। सरकार को चाहिए कि IGRS पर दर्ज शिकायतों का ऑडिट कराए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, वरना यह सिस्टम 'डिजिटल भ्रष्टाचार पोर्टल' बनकर रह जाएगा।


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