आज़मगढ़।
रिपोर्ट: वीर सिंह
ग्रामीण चिकित्सकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित।
डॉक्टर का काम भीड़ बढ़ाना नहीं, मरीज को ठीक करना है" – डॉ. अलका राय
आज़मगढ़। सगड़ी तहसील के जीयनपुर स्थित सुषमा आयुर्वेदिक स्कूल ऑफ नर्सिंग एंड फार्मासिस्ट कॉलेज में सोमवार को ग्रामीण चिकित्सकों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता मऊ जनपद की वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अलका राय ने कहा कि डॉक्टर को भगवान का दर्जा यूं ही नहीं मिला है—उसका पहला कर्तव्य मरीज की सही चिकित्सा करना है, न कि केवल भीड़ बढ़ाना।
उन्होंने कहा, "आज ऑपरेशन से डिलीवरी आम होती जा रही है, जबकि पहले सामान्य प्रसव ही सामान्य बात थी। आधुनिकता के नाम पर इसे कमाई का ज़रिया न बनाया जाए। डॉक्टर का नैतिक धर्म है कि वह मरीज की स्थिति का सही आकलन कर उसका उपचार करे।"
डॉ. राय ने ग्रामीण चिकित्सकों को महिलाओं से संबंधित रोगों और उनके समाधान से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रकृति के साथ रहने वाले लोगों में बीमारियों की संभावना कम होती है। इसलिए जीवनशैली में बदलाव लाकर कई रोगों से बचा जा सकता है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमित कुमार ने बच्चों में संक्रमण के लक्षणों, कारणों और उपचार के तरीकों पर विस्तृत जानकारी दी। वहीं आयुर्वेदाचार्य डॉ. एस.एन. राय ने वर्तमान समय में आयुर्वेदिक चिकित्सा के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर एलबीबीएस हॉस्पिटल एवं पंचकर्म सेंटर का भी उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले ग्रामीण चिकित्सकों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
कॉलेज के डायरेक्टर सुभाष जायसवाल और उनके सुपुत्र डॉ उद्देश्य जायसवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में डॉ जया पांडेय, डॉ साधना राय, डॉ कौशल कुमार राय, डॉ पी.के. राय और डॉ एन. लाल यादव सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। आयोजन में ग्रामीण चिकित्सक सामाजिक संगठन द्वारा मुख्य अतिथियों को सम्मानित भी किया गया।