मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुन्देलखण्ड की लम्बित बाँघ परियोजनाओं को पूरा कराकर किसानो को दी सिंचाई सुविधा की सौगात।

आज़मगढ़।

रिपोर्ट: वीर सिंह

आजमगढ़ 26 दिसम्बर-- उत्तर प्रदेश का बुुुन्देलखण्ड एक ऐसा क्षेत्र रहा है जहाॅ ज्यादातर वर्षा पर किसानो की खेती निर्भर रहती थी। पठारी क्षेत्र होने के कारण भूमिगत जल नहीं मिल पाता है। इससे किसान नहरों, तालाबो, कुओं के जल से सिंचाई करते हंै। जिन क्षेत्रों में नलकूपों की बोरिंग हो सकती है, वहाॅ सरकार द्वारा नलकूप भी लगवाये गये हंै। प्रदेश सरकार का ध्येय है कि किसानांे की आमदनी बढ़े। किसानोेें की आमदनी तभी बढ़ेगी जब उनके उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो। फसल की उत्पादन बढ़ोत्तरी तभी होती है, जब किसानो को उर्वरक सहित सिंचाई के साधन उपलब्ध हांे। सिंचाई ही फसल उत्पादन का मुख्य आधार होता है। इसीलिए प्रदेश सरकार किसानो को फसल की सिंचाई पर जोर देते हुए प्रदेश में नहरो, बाॅधो के निर्माण पर विशेष बल दिया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की विशेष व्यवस्था की है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में गत कई वर्षो से लम्बित बाॅध परियोजनाओ को शीघ्र पूर्ण कराने के लिए मुख्यमंत्री जी ने प्राथमिकता देते हुए आवश्यक धनराशि देकर कार्य में तेजी लाई। सिंचाई विभाग द्वारा बनाये जा रहे बाॅध परियोजनाओ को गति प्रदान करते हुए पूर्णं कराया गया। प्रदेश सरकार ने किसानो की वर्षों की अभिलाषा पूर्ण की है। ़प्रदेश सरकार ने बुन्देलखण्ड में लगभग 1100 करोड रू0 की लागत से 9 लम्बित परियोजनाओं को पूर्ण करते हुए लगभग 80 हजार हेक्टेयर पर भूमि की अतिरिक्त  सिंचन क्षमता बढ़ाते हुए 70 हजार से अधिक किसानों को फसलांे का उत्पादन बढ़ाने हेतु सिंचाई सुविधा मुहैया कराई है। वर्ष 2018 व 2019 में पूर्ण हुए इन बाॅधो से नहरो के माध्यम से आज किसानों के खेत तक पानी पहुँच रहा है और किसान अपनी खेती में हर तरह की फसल बोकर उत्पादन करते हुए अपनी आर्थिक वृद्वि कर रहे हंै। सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के अपने लक्ष्य में सफल हो रही है। बुन्देलखण्ड में वर्तमान सरकार द्वारा पूरे किये गये 09 बांध सिंचाई परियोजनाएं इस प्रकार हैं-

पहाड़ी बाँध परियोजना:- वर्ष 2008-09 में जनपद झाँसी में 76.67 करोड़ रू0 की मूल लागत से निर्माण शुरू किये गये इस बाँध कों वर्तमान सरकार ने 354.20 करोड़ रू0 की वास्तविक धनराशि व्यय करते हुए वर्ष2018 में पूर्णंकर लिया। इस परियोजना से झाँसी जनपद के 6600 कृषको की 14575 हे0 भूमि की सिंचन क्षमता का सृजन हुआ है।

जमरार बाँध परियोजना:- जनपद ललितपुर में वर्ष 2008-09 में 66.23 करोड़ रू0 की मूल लागत से शुरू हुए जमरारबाँध परियोजना को वर्तमान सरकार ने 326.10 करोड़ रू0 की वास्तविक लागत में वर्ष 2018 में पूर्ण  कर लिया। इस बाँध के पूर्णं  हो जाने से ललितपुर के मड़ावरा तहसील में 3141हे0 भूमि के सिंचन की क्षमता बढ़ी और 2145 किसान लाभान्वित हो रहे है।

पहूँज बाँध पुनरोद्वार परियोजना:-जनपद झाँसी के पहूँज बाँध के पुनरोद्धार का कार्य वर्ष 2009-10 में 63.53 करोड़ रू0 की लागत से शुरू हुआ था जिसका कार्यअधूरा रहने पर वर्तमान सरकार ने 106.84 करोड़ रू0 की धनराशि व्यय करते हुए वर्ष 2018 में निर्माण पूर्णकराया। इस कार्य के पूर्ण हो जाने से जनपद झाँसी के 3368 किसान अपनी 5000 हे0 से अधिक भूमिं का सिंचन करतें हुए फसलोंत्पादन कर रहे है।

गुण्टा बाँध रिस्टोरेशन/रिनोवेशन आफ एलाइज वर्क परियोजना:- बुन्देलखण्ड के जनपद चित्रकूट में गुण्टा बाँध में रिस्टोरेशन के कार्य के लिए वर्ष 2008-09 में 3.76 करोड़ की लागत से कार्य शुरू हुआ था किन्तु कार्य पूर्ण न होने से किसानो को फायदा नहीं मिला। वर्तमान सरकार ने इस बाँध के कार्य को 2018 में पूर्ण कराते हुए जनपद चित्रकुट के 17595 किसानों की 3880 हे0 भूमि का अतिरिक्त सिंचन क्षमता बढ़ाते हुए उन्हें  लाभान्वित कर रही है।

पं0 दीनदयाल उपाध्याय पथरई बाँध परियोजना:- जनपद झाँसी में वर्ष 1982-83 में 3.21 करोड़ रू0 की लागत से निर्माण कार्य शुरू की गई यह परियोजना लम्बे वर्षो तक लम्बित रही । प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने इस परियोजना के लिए आवश्यक धनराशि 79.83 करोड़ रू0 आवंटित करते हुए वर्ष 2018में पूर्ण कराया। इस बाँध परियोजना से झाँसी के 2998 हे0 भूमि की सिंचन क्षमता में बढ़ोतरी हुई और 4637 किसान लाभान्वित हो रहें हैं।

लहचूरा बाँध परियोजना:- जनपद महोबा में किसानो को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2016 -17 में 19. 30 करोड़ रू0 की लागत से शुरू किये गयें लहचूरा बाँध परियोजना के निर्माण कार्यों में वर्तमान सरकार ने तेजी लाई और यह बाँध वर्ष 2018 में पूर्ण हो गया। इस बाँध के बन जाने से महोबा जनपद में 31910 हे0 भूमि के सिंचाई की क्षमता का सृजन हुआ है और इससे 13500 किसान अपनी खेती का सिंचन करते हुए फसलोत्पादन कर रहे है।

मौदहा बाँध नहर प्रणाली की क्षमता पुर्नस्थापनाः-मौदहा बाँध नहर प्रणाली की नहर का निर्माण वर्ष 2016-17 में 22.65 करोड़ रू0 की लागत से शुरू हुआ था। जिसमें तेजी लाते हुए वर्ष 2018 में नहर प्रणाली की क्षमता के पुर्नस्थापना का कार्य पूर्ण कर लिया गया। इसके बनने से चित्रकूट (कर्वी) क्षेत्र में 5030 हे0 भूमि के सिंचन क्षमता की बढ़ोत्तरी हुई और 10500 किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं।

रसिन बाँध परियोजना:- रसिन बाँध परियोजना जनपद चित्रकूट में 2003-04 में 17.25 करोड़ रू0 की लागत से निर्माण कार्य शुरू हुआ था किन्तु कार्य बहुत धीमी गति से हो रहा था। साथ ही विभिन्न सरकारो ने भी किसानो के हित की इस योजना में रूचि नही दिखाई मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ जी ने प्रधानमंत्री सिचाई परियोजना के अन्तर्गत हर खेत को पानी की नीति के तहत 141. 64 करोड़ रू0 की वास्तविक लागत के साथ वर्ष 2019.20 में निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया। इस बाँध के बनने से नहरो के माध्यम से चित्रकूट (कर्वी) में 2290 हे0 भूमि के सिंचन की क्षमता में वृद्वि हुई और 3625 किसान लाभन्वित हो रहे है।

जाखलौन पम्प नहर की किसी 0.00 से 34.300 एवं प्रणाली क्षमता पुर्नस्थापना परियोजना:-इस पम्प नहर के शून्य से 34.300 किमी0 तक जल की क्षमता पुर्नस्थापना का कार्य वर्ष 2016 में 23.97 करोड़ रू0 की लागत से शुरू हुआ और 2019-20 में पूर्ण हो गया। इस परियोजना से जनपद ललितपुर की 1496 हे0 भूमि को सिंचन की क्षमता का पुर्नस्थापना हुई और 1392 किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

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