जीयनपुर कोतवाली पर पक्षपात के आरोप, दो पीड़ितों ने एसएसपी से लगाई न्याय की गुहार।


आज़मगढ़।

रिपोर्ट: आदर्श श्रीवास्तव

गांव के दबंगों पर नहीं हो रही कार्रवाई, पीड़ित बोले—“कोतवाल प्रधान का रिश्तेदार, थाने में नहीं सुनवाई”

आजमगढ़। जीयनपुर कोतवाली एक बार फिर विवादों में है। थाना क्षेत्र के पूनापार बड़ागांव के दो ग्रामीणों ने कोतवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए एसएसपी से लिखित शिकायत की है। दोनों पीड़ितों का कहना है कि थाने में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही क्योंकि कोतवाल मौजूदा ग्राम प्रधान का रिश्तेदार है और उन्हीं के इशारे पर काम करता है।
पहली शिकायत पूनापार बड़ागांव निवासी बीरबल गौड़ पुत्र श्याम बिहारी गौड़ की है। उनका आरोप है कि 23 अक्टूबर की शाम करीब चार बजे गांव के ही दुर्गविजय कन्नौजिया उर्फ शेरु पुत्र बृजभान शराब के नशे में गाली-गलौज करने लगा। रोकने पर उसने लाठी-डंडे से हमला कर दिया। बीरबल ने बताया कि उनके पहले से फ्रैक्चर वाले हाथ पर भी वार किया गया, जिससे उन्हें असहनीय दर्द हुआ। सूचना देने पर 100 नंबर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन आरोपित पुलिस के सामने ही धमकी देता रहा कि “एससी/एसटी एक्ट में फंसा दूंगा।” बीरबल ने जीयनपुर थाने में शिकायत दी, मगर पूरे दिन बैठाए रखने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
दूसरी शिकायत ध्रुव सिंह यादव पुत्र मूत्रो यादव की है। उन्होंने आरोप लगाया कि 23 अक्टूबर की शाम सात बजे गांव के ही गोपाल यादव पुत्र रतन यादव और उसकी पत्नी मीनू यादव ने जमीनी विवाद को लेकर गाली-गलौज और मारपीट की। ध्रुव सिंह का कहना है कि उन्होंने 100 नंबर पर सूचना दी, लेकिन पुलिस के सामने ही दोनों आरोपित उन्हें मारते रहे और जान से मारने की धमकी दी। थाने में शिकायत देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
दोनों पीड़ितों का कहना है कि जीयनपुर कोतवाली के प्रभारी अधिकारी प्रधान के खास रिश्तेदार हैं और थाने पर प्रधान का दबदबा कायम है। गांव के किसी भी व्यक्ति की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होती, उल्टा धमकाया जाता है कि “फर्जी मुकदमे में फंसा देंगे।”
ग्रामीणों ने एसएसपी से मामले की निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। गांव में इस घटना के बाद लोगों में नाराजगी और असुरक्षा का माहौल है।

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